दिल्ली| गुलाब की सुंदरता देखते ही बनती है, तभी लोग इसका व्यापक रूप में इस्तेमाल करते हैं। कभी अपने मन की बात कहने के लिए इसका सहारा लेते हैं, तो कभी सौंदर्य में प्राकृतिक तरीके से निखार लाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यहां तक कि भोजन में इसके फलेवर का प्रयोग होता है। गुलाब सिर्फ आपके तन−मन को ही नहीं महकाता, बल्कि बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं में इसका इस्तेमाल लाभदायी होता है। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में−पायरिया से छुटकारा–
गुलाब का फूल आपके दांतों के लिए वरदान समान है। अगर आपको पायरिया की समस्या है तो आप गुलाब की पंखुडि़यों को चबाकर खाएं। इससे पायरिया की समस्या से तो निजात मिलेगी ही, साथ ही आपके मसूड़े भी मजबूत होंगे। इसके अतिरिक्त जब आप इसका सेवन करते हैं तो मुंह के बदबू की समस्या भी स्वत खत्म हो जाती है।
मुंह में छाले–
गुलाब मुंह की हर समस्या को दूर करता है, फिर चाहे वह पायरिया हो या मुंह के छाले। मुंह में छाले होने पर गुलाब के फूल को पानी में उबालकर उसका काढ़ा बनाएं। फिर उस पानी की मदद से गरारे करें। आपको मुंह के छालों में आराम मिलेगा। वैसे अगर आप चाहें तो महज गुलाब की पंखुडी को चबाकर भी मुंह के छालों से निजात पा सकते हैं।
बवासीर से राहत–
बवासीर की समस्या काफी कष्टदायी होती है। खासतौर से, अगर बवासीर खूनी हो तो इससे स्थिति और भी अधिक विकट हो जाती है। इस कष्टकारी स्थि निपटने के लिए गुलाब के फूल की सहायता ली जा सकती है। इसके लिए गुलाब की पंखुडियों को मिश्री के साथ मिलाकर इसका सेवन करें। आपको यकीनन आराम मिलेगा।
महिलाओं के लिए वरदान–
महिलाओं को तो गुलाब के फूल से विशिष्ट प्रेम होता है। वैसे यह महिलाओं के लिए विशेष रूप से फायदेमंद माना गया है। मासिक धर्म के दौरान जिन महिलाओं को अत्यधिक रक्तस्त्राव होता है, उन्हें इसका सेवन करना चाहिए। इसके लिए आप मासिक धर्म शुरू होने से करीबन 20 दिन पहले गुलाब की मदद से बना गुलकंद खाएं। फिर आपको उन दिनों में अत्यधिक रक्तस्त्राव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आंखों को आराम–
कई बार धूल−मिट्टी में बाहर निकलने पर आंखों में किरकिरेपन व जलन का अहसास होता है, इससे राहत पाने के लिए गुलाब जल की एक−एक बूंद आंखों में डालें। गुलाब जल आंखों की अच्छी तरह सफाई करने के साथ−साथ आपकी आंखों को ठंडक भी पहुंचाता है। साथ ही यह आंखों की थकान को भी कम करता है, जिससे आप काफी रिलैक्स महसूस करते हैं।
साभार –मिताली जैन