लखनऊ । एससी-एसटी एक्ट पर हो रहे विवाद के बीच योगी सरकार ने दलितों को रिझाने के लिए बड़ा दांव खेला है । करीब 15 महीने पहले सहारनपुर में दलित-सवर्ण विवाद में रासुका लगाकर योगी सरकार द्वारा जेल भेजे गए भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण से भाजपा सरकार ने रासुका हटाने का फैसला लिया है । गुरुवार को योगी सरकार ने भीम आर्मी के नेता से रासुका हटा ली है । अब शुक्रवार को सहारनपुर जेल से रावण की रिहाई के रास्ता साफ हो गया है । सहारनपुर जेल पर देर रात्रि से ही बड़ी संख्या में समर्थकों का जुटना शुरू हो गया है ।
बताते चलें कि 15 महीने पहले सहारनपुर में दलितों और ठाकुर समुदाय के लोगों में भीषण जातीय संघर्ष हुआ है, जिसके बाद भीम आर्मी के रूप में दलितों का बड़ा संगठन प्रकाश में आया । आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण को सरकार ने हिंसा के पीछे दोषी माना और रासुका के तहत जेल भेज दिया म अब 15 महीने बाद रासुका हटाकर योगी सरकार ने दलितों को रिझाने के नया दांव खेला है । रासुका हटने के बाद अब शुक्रवार सुबह रावण की रिहाई के रास्ता साफ हो गया है । दलित वर्ग में रावण की रिहाई से खुशी की लहर है । रावण की रिहाई के लिए लंबे समय से आंदोलन चल रहा था ।