Home राष्ट्रीयदिल्ली-एनसीआर सरकारी बैंकों के मर्जर प्रस्तावों पर विचार ,समाप्त होगा छोटे बैंको का अस्तित्व

सरकारी बैंकों के मर्जर प्रस्तावों पर विचार ,समाप्त होगा छोटे बैंको का अस्तित्व

by Vyavastha Darpan
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नई दिल्ली। अब आपको कई बैकों का नाम नही दिखेगा, पूरे देश में 5 या 6 बैंक ही रह जाएगें। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में एक मंत्री पैनल का गठन किया है, जो सरकारी बैंकों के मर्जर प्रस्तावों पर विचार करेगा।

पैनल के अन्य सदस्यों में रेल एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल तथा रक्षा मंत्री निर्मला सीमारमण शामिल हैं। सरकार का इरादा केवल 5-6 बड़े बैंक रखने का है, बाकी सभी बैंक बड़े बैंकों में विलय कर दिए जाएंगे।

केंद्रीय वित्त सचिव राजीव कुमार ने ट्वीट किया कि सरकार बैंकिंग सुधारों को अंजाम देगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के लिए एक वैकल्पिक तंत्र का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करेंगे।
पिछले सप्ताह बैंकों की पूंजी 2.11 लाख करोड़ रुपये बढ़ाने की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा था कि इसके साथ ही अगले कुछ महीनों में बैंकिंग सुधार के कदम उठाए जाएंगे। वैकल्पिक तंत्र का गठन उसी दिशा में उठाया गया कदम है। केंद्रीय कैबिनेट ने बीते अगस्त माह में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय का काम तेजी से निपटाने के लिए एक वैकल्पिक तंत्र की स्थापना का फैसला किया था।

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