दिल्ली में किसान आंदोलन का आज 11वां दिन, प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा देने पहुंचे निहंग सरदार
नई दिल्ली | कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी की सड़कों पर डटे किसानों और सरकार के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही और आज 11वें दिन भी अन्नदाताओं प्रदर्शन जारी है। किसानों और सरकार की शनिवार को हुई लंबी बातचीत और मंथन के बाद तय सिर्फ यह हो सका कि अगले दौर की बातचीत 9 दिसंबर को होगी। वहीँ, दिल्ली में किसानो को सुरक्षा देने के लिए निहंग सिख 50-60 घोड़ों के साथ कैंपिंग के लिए ये लोग कुडुका, रोपड़ और पंजाब के अन्य क्षेत्रों से ट्रकों में सिंघू सीमा तक लाए गए। निहंग सिखों ने कहा कि उनकी उपस्थिति सुरक्षा और सुरक्षा का प्रतीक है। सिंघु बॉर्डर पर निहंग सिख या “खालसा फौज” ने किसानों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि वे लड़ाई करने नहीं बल्कि शांति सुनिश्चित करने आए हैं। निहंग सरदारों ने किसानों के चारों ओर घेरा बना लिया है।
शनिवार को किसानों के साथ बैठक से पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अहम बैठक बुलाई थी। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल भी मौजूद थे। बता दें कि किसान नेताओं और सरकार के बीच गुरुवार को हुई बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका था।
वहीं, किसान नेताओं ने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि इन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी नए कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को रद्द किया जाए। किसान अपनी मांगों को लेकर किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगे मानने की अपील की है। इसके साथ ही किसान संगठनों ने 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है साथ ही उन्होंने इस दिन टोल प्लाजाओं पर कब्जे की भी चेतावनी दी।