कल मेरठ- मुजफ्फरनगर फिर जाएंगे जयन्त चौधरी, CAA-NRC आंदोलन में मृतकों के परिजनों से मिलेंगे, टेंशन में प्रशासन, जोश में RLD कार्यकर्ता
लखनऊ । राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को मुजफ्फरनगर से मेरठ जाते समय खतौली नहर पर पुलिस द्वारा डेढ़ घण्टे तक रोके रखना और वापस दिल्ली भेजने को रालोद ने उत्तरप्रदेश सरकार का अलोकतांत्रिक व गैरकानूनी कदम बताया है। जयन्त ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा । सैंकड़ो नेताओं के साथ धरने पर बैठ गए । बाद में उन्होंने कल गुरुवार को फिर मुजफ्फरनगर और मेरठ जाने की घोषणा कर प्रशासन की नींद उड़ा दी है । जयन्त चौधरी को रोकने के लिए मेरठ और मुजफ्फरनगर प्रशासन ने कमर कस ली है ।
सरकार के रवैय्ये से गुस्साए जयंत चौधरी ने कहा कि पीड़ितों, किसानों व आम नागरिको से मिलना हमारा अधिकार है । हम कल पुनः अपनो के मध्य जायेगे । सरकार पर हमलावर जयंत चौधरी ने कहा कि हिंसा के शिकार लोगो व मृतको के परिवारजनों से मिलने से रोकना सरकार का दमनकारी रवैया प्रदर्शित करता है। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ मसूद अहमद ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को पीड़ित परिवारों से मिलने न जाने देने की घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तानाशाही बताते हुए कहा कि सरकार व पुलिस अपने पाप छुपाने के लिये विपक्षी दलों के नेताओ से डरकर जनता के मध्य नही जाने दे रही है ।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार व उसके मुखिया योगी आदित्यनाथ पूरी तरह असफल हो चुके है प्रदेश में भ्र्ष्टाचार, हत्या, हिंसा, बलात्कार, अपहरण की बढ़ती घटनाओं को रोकने के बजाय अपने कृत्यों को छुपाने के लिये उन्होंने जयंत चौधरी को सैकड़ो कार्यकर्ताओ के साथ खतौली नहर पर जबरन पुलिसिया बल के सहारे रोककर अपनी तानाशाही का परिचय दिया है, जिसको लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार नही किया जा सकता है । यदि सरकार के रवैये में सुधार नही आया और जयंत चौधरी को पीड़ित परिवारों से नही मिलने दिया तो रालोद आन्दोल के लिये विवश होगा।