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टोयोटा और सुजुकी के सीईओ ने की PM मोदी से मुलाकात, नई तकनीक से करेंगी कारो का निर्माण

  • May 13, 2017
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टोयोटा और सुजुकी के सीईओ ने की PM मोदी से मुलाकात, नई तकनीक से करेंगी कारो का निर्माण

नई दिल्‍ली। टोयोटा और सुजुकी जैसी दिग्‍गज कार निर्माता कंपनियां भारत में नई तकनीक के साथ कारों का निर्माण करना चाहती हैं।
दुनिया भर की कार निर्माता कंपनियों के मुखिया 9 मार्च को जब जिनीवा मोटर शो में बिजी थे, उस वक्त टोयोटा और सुजुकी जैसी दिग्गज जापानी कंपनियों के अगुआ भारत की राजधानी पहुंचे थे। दोनों कंपनियों के चीफ एग्जिक्यूटिव्स की इस यात्रा का एकमात्र अजेंडा पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर उन्हें अपनी संयुक्त योजना से अवगत कराना था। दोनों कंपनियों के चीफ ऐसे वक्त में दिल्ली आए थे, जब उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार समाप्त ही हुआ था लेकिन मीटिंग की अहमियत को देखते हुए पीएम मोदी ने जापानी कारमेकर्स के साथ मुलाकात का वक्त दिया।
जापानी कारमेकर्स सुबह फ्लाइट से दिल्ली पहुंचे और शाम तक मीटिंग खत्म कर तत्काल लौट गए। दोनों कंपनियों ने अपने संयुक्त उपक्रम के बारे में पीएम नरेंद्र मोदी को जानकारी दी। पीएम से मुलाकात में कंपनियों ने इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड कारें तैयार करने का प्लान पेश किया। टोयोटा मोटर के प्रेजिडेंट आकियो टोयोदा और सुजुकी मोटर के चेयरमैन ओसामु सुजुकी ने पीएम मोदी को बताया कि वह भारत में नई तकनीक के साथ कारों का निर्माण करेंगे। यही नहीं एक्सपोर्ट के लिए भी यहां कारों का निर्माण करेंगे। सुजुकी ने गुजरात में मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज के लिए 10,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान किया है। यहां से कंपनी सालाना 7,50,000 वाहनों को तैयार करेगी। कंपनी आने वाले सालों में भारत में अरबों डॉलर का निवेश करने की तैयारी में है।
टोयोटा-सुजुकी की साझेदारी सभी पक्षों के लिए एक वरदान की तरह होगी। वह भी ऐसे वक्त में जब सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषण और ग्रीन टेक्नॉलजी को लेकर नियमों को कड़ा करने में जुटी है। टोयोटा को जहां मैन्युफैक्चरिंग और टेक्नॉलजी में एक्सपर्टाइज है, वहीं सुजुकी के पास भारत में लंबे समय तक काम करने का अनुभव है। दोनों मिलकर भारत की जरूरतों के लिहाज से कारों के निर्माण करेंगे।
सुजुकी के लिए भारत में यह नया कदम ज्यादा महत्वपूर्ण होगा क्योंकि अब तक अपने ऑपरेटिंग प्रॉफिट का 45 पर्सेंट हिस्सा वह यहीं से कमाती रही है। देश में बिकने वाली हर दूसरी कार मारुति की ही होती है। ऐसे में कंपनी भारतीय बाजार में अपनी पैठ को देखते हुए नई टेक्नॉलजी के साथ आगे बढ़ना चाहती है ताकि भविष्य की तकनीक के लिहाज से वह सबसे आगे निकल सके। कंपनी ने तोशिबा और डेन्सो के साथ मिलकर भारत में लिथियम और रिचार्जेबल बैट्रीज तैयार करने की फैक्ट्री स्थापित करने का ऐलान किया है। इन बैट्रियों का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक और हाईब्रिड कारों में किया जाता है।
-एजेंसी