#Shadab Aalam Qureshi की कलम से via Sadique Anwer
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अभी Imran Khan भाई की एक पोस्ट देखी, जिसमे उन्होंने बताया कि ये तस्वीर काशी की है और ये बुर्के में बैठी हुई महिलाएं मुस्लिम है और तीन तलाक से बचने के लिये ये हनुमान चालीसा का पाठ करने यहा आई है।
मैंने कंटेंट पढ़ने के बाद तस्वीर को गौर से देखा तो असल कहानी समझ आई और फिर मैंने इस तस्वीर को एडिट करके गोल घेरे बनाए जिन्हे जूम करके देखिए तो पता चलेगा कि बुर्के के अंदर शकीला आपा नही बल्कि सतीश भइय्या है.???
दरअसल भाजपा और संघ जब जब भी मुस्लिम महिलाओं के नाम से कोई ऐसा मामला दिखाते है और बुर्का पहनी मुस्लिम महिलाओं को दिखाया जाता है, उसमे से ज्यादातर तो खुद इन्ही के पुरुष कार्यकर्ता होते है, जो अक्सर थोड़ा ध्यान से देखने पर साफ नजर आ जाते है, या फिर इन बुर्क़ो मे किराये की लाई हुई महिलाएं भी होती है।
भक्तो कुछ नया लाओ बे, पहले ही साला फेसबुक पर एंजल प्रिया बने हाजी गफूरो से परेशान है और तुम अलग बार बार बुर्के पहन कर बता रहे हो कि तुम ना-मर्द हो क्योकि असल मर्द होते तो इस तरह बुर्के ना पहनते, नामर्द कही के…???
साला ई तो संघी गफुरे है…??????.