घर पर रहे महिलाएं, हमारे लड़ाके उनकी इज्जत करना नहीं जानते : तालिबान
काबुल। अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद तालिबान ने कहा था कि शरिया अनुसार महिलाओं को काम करने की आजादी दी जाएगी। लेकिन इसके 10 दिन बाद ही तालिबान का असली चेहरा सामने आने लगा है। अब तालिबान की ओर से कहा गया है कि महिलाएं व लड़कियां घर में ही महफूज रह सकती हैं। उनको बाहर नहीं निकलना चाहिए,चूंकि तालिबानियों को महिलाओं का सम्मान करने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है।
सीएनएन की रिपोर्ट अनुसार तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, महिलाओं को कामकाज या रोजगार के लिए घर से नहीं निकलना चाहिए। मैं मानता हूँ कि घर के बाहर वे महफूज नहीं हैं, क्योंकि तालिबानियों को महिलाओं की इज्जत करने की ट्रेनिंग नहीं दी गई है। मुजाहिद ने कहा कि महिलाओं को घरों में रहने की सलाह दी गई है, और यह अस्थायी है। इसे आदेश के तौर पर ना लें। उन्होंने कहा, हम कोशिश कर रहे हैं कि महिलाओं के साथ गलत बर्ताव न किया जाए और इसके लिए तालिबानियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। चूंकि तालिबानी बदलते रहते हैं और इस कारण उनकी ट्रेनिंग नहीं हो सकी है।
मुजाहिद ने कहा, महिलाएं डरें नहीं। हम चाहते हैं कि वे काम करें। लेकिन पहले हालात सामान्य हो जाने दीजिए। ताकि वे सुरक्षित होकर अपने काम पर जा सकें। जब सब ठीक हो जाएगा तो हम खुद उन्हें काम करने की मंजूरी देंगे। काबुल के कब्जे के बाद तालिबान ने संकेत दिए थे कि वे पिछली बार की तुलना में महिलाओं के लिए ज्यादा उदारवादी रवैया अपनाएंगे। उन्हें कामकाज और शिक्षा के लिए छूट दी जाएगी।