जिन्ना ने नहीं नेहरू-पटेल ने करवाया बंटवारा: फारूक अब्दुल्ला
नई दिल्ली | केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि अब्दुल्ला को इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा,”इतिहास में कई जगह ऐसे संदर्भ मिलते हैं जो इशारा करते हैं कि महात्मा गांधी ने खुद सुझाव दिया था कि अगर जिन्ना पाकिस्तान की मांग को वापस ले लेते हैं तो वह कांग्रेस को इस बात मनाएंगे कि जिन्ना को अविभाजित भारत का प्रधानमंत्री बनाया जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने देश के बंटवारे पर विवादित बयान दिया है। फारूक ने कहा है कि देश के बंटवारे के लिए जिन्ना जिम्मेदार नहीं थे। उन्होंने भारत के बंटवारे के लिए जवाहर लाल नेहरु, मौलान अब्दुल कलाम अजाद और सरदार पटेल को जिम्मेदार ठहराया है। फारूक अब्दुल्ला ने एक कार्यक्रम में कहा कि, ” जिन्ना साहब पाकिस्तान बनाने वाले नहीं थे, कमीशन आया, उसमें फैसला किया गया हिन्दुस्तान को नहीं बांटेगे, हम मुसलमानों के लिए विशेष प्रतिनिधित्व रखेंगे, अल्पसंख्यकों,सिखों के लिए विशेष व्यवस्था होगी, मगर मुल्क को डिवाइड नहीं करेंगे।” नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि कमीशन के फैसले को नेहरू और पटेल ने नहीं माना। अब्दुल्ला ने कहा कि कमीशन के इस फैसले को जिन्ना मान गये, लेकिन नेहरू, मौलाना आजाद और सरदार पटेल नहीं माने, जब ये नहीं हुआ तो जिन्ना ने फिर से पाकिस्तान बनाने की बात कर दी, नहीं तो ऐसा मुल्क कहीं नहीं होता, आज ना बांग्लादेश होता, ना पाकिस्तान होता, एक भारत होता।”
बीजेपी ने फारूक अब्दुल्ला के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा है कि अब्दुल्ला को फिर से इतिहास पढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा, “इतिहास में कई जगह ऐसे संदर्भ मिलते हैं जो इशारा करते हैं कि महात्मा गांधी ने खुद सुझाव दिया था कि अगर जिन्ना पाकिस्तान की मांग को वापस ले लेते हैं तो वह कांग्रेस को इस बात मनाएंगे कि जिन्ना को अविभाजित भारत का प्रधानमंत्री बनाया जाए।” जितेन्द्र सिंह ने कहा कि जिन्ना ने इस प्रस्ताव को कबूल नहीं किया, क्योंकि शायद उन्हें लगता था कि बतौर प्रधानमंत्री उन्हें भारत में स्वीकार्यता नहीं मिलेगी। उन्होंने कहा, ” जिन्ना इस प्रस्ताव से प्रभावित नहीं दिखे, नेहरू भी पीएम बनने की जल्दबाजी में थे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के बड़े नेता शेख अब्दुल्ला ने भी कई अवसरवादी समझौते किये