मुगल बादशाह बाबर के कथित वंशज ने किये अयोध्या में रामलला के दर्शन, देश से मांगी माफी
लखनऊ । 2019 से ठीक पहले राममंदिर को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है । अब मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर के कथित परपौत्र प्रिंस हबीबुद्दीन तूसी ने कहा कि विवादित परिसर में सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड व मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में टाईिटल सूट का मुद्दा है। यदि टाईिटल की बात है तो वह बाबर की होगी। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश से पहले वह भूमि रामलला के पक्ष में भारत सरकार को लिखकर देने को तैयार हूं। उन्होंने कहा मंदिर निर्माण शुरू होने पर सोने की ईंट दान देंगे। इसी प्रकरण पर वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने के लिए प्रयासरत है और गोरखपुर भी गये थे लेकिन उनसे भेंट नहीं हो पाई।
हिन्दू महासभा के एक गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने कथित प्रिंस तूसी व महंत जन्मेजय शरण समेत समर्थकों के साथ रामलला का दर्शन किया। जानकीघाट बड़ास्थान में आयोजित शिलापूजन व सभा के बाद स्वामी चक्रपाणि ने समर्थकों को निर्देशित किया कि वह चार-चार के ग्रुप में जाकर शांतिपूर्वक रामलला के दर्शन करें। समर्थकों को दर्शन के लिए भेजने के बाद वह सभी कार से रामजन्मभूमि गये। इससे पहले जानकीघाट के सभास्थल पर सीओ आरके साव व कोतवाल जगदीश उपाध्याय भारी मात्रा में फोर्स के साथ मौजूद रहे और उन्होंने दर्शनार्थियों को कतारबद्ध कर भेजवाया।