अटल जी के जन्मदिवस पर पढ़िए आडवाणी का दर्द बयाँ करती कविता – ‘बेवफा’
अटल जी के जन्मदिवस पर आडवाणी जी का दर्द बयां करती यूपी के वरिष्ठ पत्रकार नवेद शिकोह की कालजयी रचना :-
बेवफा :
छोड़कर वो घोसला उड़ने के क़ाबिल हो गया,
बेवफाओं में अब उसका नाम शामिल हो गया।
शाख़ तक जाना चहकना मैंने सिखलाया जिसे,
वो परिन्दा आसमां जाने के क़ाबिल हो गया।
फूस के इक झोंझ में रहता था वो महफूज था,
मौज की लालच में वो नादान ग़ाफिल हो गया।
ज़िन्दगी जिसने दी उसको वो अकेला ही रहा,
मारकर बिन मौत अपनों को वो क़ातिल हो गया।
मां की आंखों का वो तारा बाप की उम्मीद था,
छोड़कर अपनों को ग़ैरों का वो साहिल हो गया।
देखकर काली घटां उम्मीद करता है शिकोह,
तेज़ तूफानों में लौटेगा ये कामिल हो गया ।।
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