रिलायंस JIO का हनीमून पीरियड समाप्त, अब वॉयस कॉल के लिए देना होगा शुल्क
रिलायंस जियो उपभोक्ताओं का अब हनीमून पीरियड धीरे-धीरे समाप्त होता हुआ दिखाई दे रहा है। क्योंकि अब फोन कॉल करने पर रिलायंस जियो उपभोक्ता को छह पैसे प्रति मिनट की दर से भुगतान करना पड़ेगा। गर्लफ्रेंड और बॉयफ्रेंड के बीच जो घंटों बातें हुआ करती थी वो कहीं न कहीं अब वह प्रभावित होने वाली है। लेकिन इतना ज्यादा चिंतिंत न हों क्योंकि अगर आपके पास और आपकी गर्लफ्रेंड के पास जियो है तो कोई शुल्क नहीं लगेगा।शुल्क लगाने के बाद कंपनी इसकी भरपाई के लिए उपभोक्ताओं को बराबर मूल्य का मुफ्त डेटा देगी। इस बात की जानकारी खुद कंपनी ने दी।
6 पैसे का शुल्क लेकर जियो ने दूसरी टेलीकॉम कंपनियों को मुसीबत में डाल दिया है। मुफ्त की आदत लगाए बैठा हुआ उपभोक्ता अब इस दिशा पर विचार करेगा कि अगर उसका नंबर जियो का नहीं है तो वह अपना नंबर पोर्ट कराकर जियो में तब्दील कराने का प्रयास करेगा ताकि उनके सहयोगी, मित्र, पारिवारिक लोग या फिर इत्यादि जब कभी उन्हें कॉल करें तो उनका पैसा न लगे।
विशेषज्ञों का मानना है कि इससे कम्पनी को नुकसान भी सहना पड़ सकता है। क्योंकि लोगों के ज़हन में एक संदेश जाएगा कि अब जियो कॉल करने में शुल्क ले रही है जबकि अन्य कंपनियों के इसी तरह के प्लान में कोई शुल्क नहीं लगता है। इससे कंपनी की सालाना इनकम पर भी असर पड़ने का अंदेशा जताया जा रहा है।
यह पहली बार हो रहा है जब जियो अपने उपभोक्ताओं से वॉयस कॉल के लिए शुल्क लेने जा रही है। जियो द्वारा यह कदम उस समय उठाया गया है जब इस तरह के संकेत हैं कि कॉल जोड़ने का शुल्क 31 दिसंबर की पहले तय की गई समयसीमा तक समाप्त नहीं हो पाएगा।
जियो ने इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा पैदा की गई अनिश्चितता को जिम्मेदार ठहराया है। जियो ने कहा कि ट्राई ने इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) के मुद्दे को फिर खोल लिया है।
आपको बता दें कि ट्राई ने इंटरकनेक्ट प्रयोग शुल्क (आईयूसी) को 2017 में 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया था। ट्राई ने इस व्यवस्था को 31 दिसंबर, 2019 तक समाप्त करने का प्रस्ताव किया था। अब नियामक ने इस बात की समीक्षा के लिए परिचर्चा पत्र निकाला है क्या इस समयसीमा को आगे बढ़ाने की जरूरत है।
जीवनभर मुफ्त वॉयस कॉल की सुविधा देने का वादा करने वाली कंपनी जियो ने अपने ग्राहको का भरोसा तोड़ा है। टेलीकॉम कंपनियों का कहना है कि यह जियो का ‘यू-टर्न’ है जिसने ग्राहकों को जीवनभर मुफ्त कॉल का वादा किया था। जियो ने बयान में कहा कि जब तक कि उसे अपने उपभोक्ताओं द्वारा किसी अन्य नेटवर्क पर फोन करने के एवज में किसी कंपनी को भुगतान करना होगा, तब तक उनसे यह शुल्क लिया जाएगा।
जियो अभी अपने 4 जी उपभोक्ताओं से सिर्फ डेटा का शुल्क लेती है। देश में कहीं भी वॉयस कॉल मुफ्त है। कंपनी ने कहा कि जियो के फोन या लैंडलाइन पर कॉल करने पर शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही व्हाट्सएप और फेसटाइम समेत इस तरह के तमाम मंचों से किए गए फोन कॉल पर भी शुल्क नहीं लगेगा। सभी नेटवर्क के इनकमिंग फोन नि:शुल्क रहेंगे।
दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल ने आरोप लगाया है कि रिलायंस जियो द्वारा अपने ग्राहकों से नेटवर्क से प्रतिद्वंद्वी फोन कंपनियों के नेटवर्क पर वॉयस कॉल के लिए छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगाने का फैसला इंटरकनेक्ट शुल्क (IUC) को नीचे लाने को दबाव बनाने का प्रयास है। एयरटेल ने इसके साथ ही कहा कि आईयूसी की मौजूदा जारी समीक्षा इस बारे में ट्राई द्वारा पूर्व में जताई गई मंशा के अनुरूप है।
बिना नाम लिए एयरटेल ने कहा कि हमारे एक प्रतिद्वंद्वी ने वॉयस कॉल पर छह पैसे प्रति मिनट का शुल्क लगाने का फैसला किया है। उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया है कि ट्राई ने इस मुद्दे को फिर खोल दिया है।
वोडाफोन ने बयान में कहा कि एक दूरसंचार सेवाप्रदाता द्वारा अन्य सेवाप्रदाताओं के नेटवर्क पर कॉल के लिए शुल्क लेने का फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। इससे यह तथ्य भी सामने नहीं आता कि इंटरकनेक्ट आपरेटरों के बीच एक करार है और यह उपभोक्ता मूल्य का मामला नहीं है।
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दूसरे नेटवर्क पर कॉल करने के लिए ये हैं जियो के प्लान
10 रुपए में 124 IUC मिनट और 1 जीबी अतिरिक्त डेटा।
20 रुपए में 249 IUC मिनट और 2 जीबी अतिरिक्त डेटा।
50 रुपए में 656 IUC मिनट और 5 जीबी अतिरिक्त डेटा।
100 रुपए में 1,362 IUC मिनट और 10 जीबी अतिरिक्त डेटा।
क्या है आईयूसी चार्ज
हमने शुरू से ही आईयूसी का बहुत ज्यादा जिक्र कर दिया लेकिन बहुत से लोगों के ज़हन में सिर्फ एक सवाल है कि क्या है आईयूसी। इसका बहुत ही साधारण सा जवाब है जब कभी आप एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर फोन मिलाते है तो पहली कंपनी की तरफ से दूसरी कंपनी को भुगतान करना पड़ता है, जिसे आईयूसी चार्ज कहते हैं।
6 पैसे बढ़ाकर जियो आपसे आईयूसी चार्ज वसूलने की फिराक में है। बहुत से उपभोक्ता यही सोच रहे हैं। आपको बता दें कि पिछले 3 सालों में जियो ने दूसरी कंपनियों को कुल 13,500 करोड़ रुपए आईयूसी चार्ज के तौर पर दिए हैं।