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राहुल गांधी का बड़ा हमला, बोले- ‘BJP-RSS के DNA में आरक्षण का विरोध, वे नहीं चाहते कि एससी-एसटी आगे बढ़ें’

  • February 10, 2020
  • 1 min read
राहुल गांधी का बड़ा हमला, बोले- ‘BJP-RSS के DNA में आरक्षण का विरोध, वे नहीं चाहते कि एससी-एसटी आगे बढ़ें’

नई दिल्ली । कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरक्षण को लेकर भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान से आरक्षण को हटाना चाहती है। भाजपा आरएसएस के डीएनए में आरक्षण का विरोध है। हम आरक्षण को खत्म नहीं होने देंगे। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी जी या मोहन भागवत भले ही कितने भी सपने देख लें, हम किसी भी हाल में आरक्षण समाप्त नहीं होने देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा आरक्षण की विरोधी है। वो चाहते हैं कि एससी-एसटी समुदाय कभी आगे न बढ़े।

https://youtu.be/W047Z_Nc7Og

उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में आरोप लगाया, ‘ये (सरकार) आरक्षण के खिलाफ है। ये किसी न किसी तरह से आरक्षण को संविधान से निकालना चाहते हैं। इनकी तरफ ऐसे प्रयास होते रहते हैं। ये चाहते हैं कि एससी-एसटी समुदाय आगे नहीं बढ़ें।’

https://youtu.be/p2QYql4kF1c

गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया, ‘संविधान पर हमला हो रहा है। लोगों को बोलने नहीं दिया जाता। ये न्यायपालिका पर दबाव बनाते हैं। संविधान के स्ंतभों को एक-एक करके तोड़ रहे हैं।’ उन्होंने दावा किया कि भाजपा और आरएसएस के डीएनए में है कि उनको आरक्षण चुभता है और वे इसे मिटाना चाहते हैं। मैं एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों से कहना चाहता हूं कि चाहे मोदी जी या मोहन भागवत सपना देखें, हम आरक्षण को मिटने नहीं देंगे। गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि पदोन्न्ति में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है।

https://youtu.be/sUOVTWeJIJ8

कांग्रेस नेता ने कहा कि अब फैसला आया कि आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है। यह सब उत्तराखंड की सरकार ने शीर्ष न्यायालय में कहा है। यह आरक्षण को निरस्त करने का भाजपा का तरीका है। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस वाले कितना भी प्रयास कर लें, लेकिन हम आरक्षण को हटने नहीं देंगे क्योंकि आरक्षण संविधान का एक तरह से प्रत्यक्ष हिस्सा है।

बता दें कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) संशोधन कानून, 2018 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार के संशोधन को मंजूरी दे दी है। अब बिना जांच के पुलिस एससी-एसटी एक्ट के तहत आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर सकती है।