जानिए: आखिर क्यों छात्र को बनाना पड़ा यूपी के DGP का फर्जी टि्वटर एकाउंट
लखनऊ | परिवार के साथ हुई धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने सुनवाई नहीं की तो हाईस्कूल के छात्र ने प्रदेश पुलिस के मुखिया का फर्जी टि्वटर अकाउंट बना दिया। डीजीपी के नाम से खुद अफसरों को निर्देश देने लगा। लेकिन जल्द ही उसका यह फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। लखनऊ से आई पुलिस टीम ने उसे और उसके एक साथी को पकड़ लिया। दोनों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह के नाम से फर्जी टि्वटर अकाउंट बनाने और उस पर निर्देश जारी होने पर पुलिस के अफसरों के कान खड़े हो गए थे। इस मामले में लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज कर सर्विलांस टीम जांच में लगी थी। जांच के बाद पता चला कि गोरखपुर के लड़के ने फर्जी अकाउंट बनाया है। टि्वटर अकाउंट में इस्तेमाल मोबाइल नम्बर के आधार पर लखनऊ की टीम सीधे भटहट के मोइदीनपुर टोला महुअवां गांव पहुंची और वहां से एक युवक को हिरासत में लिया। उससे पूछताछ में भटहट कस्बे के छात्र के बारे में पता चला। युवक ने बताया कि छात्र कम्प्यूटर जानता है उसी ने फर्जी अकाउंट बनाया होगा। टीम ने उसके कम्प्यूटर और मोबाइल की जांच की तो पता चला कि उसी ने यह हिमाकत की थी। छात्र हाईस्कूल में पढ़ता है और नाबालिग है लिहाजा पुलिस टीम उसे उसके घरवालों के साथ पूछताछ के लिए लखनऊ ले गई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक छात्र के भाई को विदेश भेजने के नाम पर किसी जालसाज ने पैसा ले लिया था। उसके पिता ने कई बार थाने में शिकायत की और मदद मांगी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। छात्र को पता चला कि टि्वटर पर शिकायत करने पर उसकी बात सुनी जाएगी। छात्र ने स्वयं डीजीपी का फेक टि्वटर अकाउंट बना लिया। फर्जी टि्वटर अकाउंट बनाने के लिए उसने अपने परिचित के मोबाइल नम्बर का इस्तेमाल किया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक छात्र चाहता था कि जालसाज पैसा लौटा दे। लेकिन शायद उसने यह नहीं सोचा कि एक धोखाधड़ी को पकड़वाने के लिए वह खुद दूसरी धोखाधड़ी कर बैठा है।