अहमद पटेल, सलमान खुर्शीद, मायावती, अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल हुआ बेनकाब : AMU छात्रनेता
अलीगढ | अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्टूडेंट को-ऑर्डिनेशन कमेटी के छात्र इमरान खान ने कहा कि बाबरी मस्जिद थी, बाबरी मस्जिद है और बाबरी मस्जिद हमेशा रहेगी। इसको कभी भुलाया नहीं जा सकता। पांच अगस्त को राम मंदिर शिलान्यास के बाद जिस तरह कथित सेकुलर नेताओं की प्रतिक्रियाएं आई हैं, उससे उनके चेहरे बेनकाब हो गए हैं। बृहस्पतिवार को मौलाना आजाद लाइब्रेरी के पीछे कैंटीन परिसर में पत्रकार वार्ता में इमरान ने कहा कि जो धर्मनिरपेक्षता है, जो लोकतंत्र है, जो गंगा जमुनी तहजीब है, यह सब मन से गढ़ लिए गए शब्द मात्र हैं। इसके पीछे इनका प्रयोग करने वालों की कोई विश्वसनीयता नहीं है।
जो खुद को सेकुलर कहने वाले नेता हों, चाहे वह अहमद पटेल हों, सलमान खुर्शीद हों, मायावती, अखिलेश यादव हों या अरविंद केजरीवाल हों, यह सब अब बेनकाब हो चुके हैं। ये लोग पहले दावा करते थे कि वह सेकुलरिज्म की लड़ाई लड़ रहे हैं। लेकिन अब जाहिर हो गया है कि ये लोग सिर्फ अपनी पार्टी की कठपुतली मात्र थे। इनमें से किसी भी नेता ने यह नहीं कहा है कि कोर्ट ने अपने फैसले में जिन बातों का जिक्र किया है या जो बिंदु उठाए हैं, उसके मुताबिक मुसलमानों के साथ इंसाफ नहीं हुआ। इनके साथ-साथ इनके गुरु राजीव गांधी बधाई के पात्र हैं, क्योंकि उन्हीं की मंशा के मुताबिक काम हो रहा है।
छात्र नेता आमिर मिंटो ने कहा 5 अगस्त का दिन ऐतिहासिक दिन है। इस दिन यह साबित हो गया कि इस देश का बहुसंख्यक समुदाय लीगल स्नैचिंग करते हुए वैध रूप से या अवैध रूप से अपनी मजहबी उमंगों को पूरा कर रहा है। इसके अलावा हमने इस दिन कथित सेकुलर पार्टियों के नेताओं के द्वारा किए गए ट्वीट और प्रतिक्रियाओं को सुरक्षित रख लिया है, जिससे कि हम आने वाली पीढ़ियों को बता सकें कि वह किस तरह अपनी विश्वसनीयता खो चुके थे।