Aligarh प्रशासन किसानों का कर रहा उत्पीड़न, मुकद्दमे वापिस नही हुए तो RLD करेगा आंदोलन

अलीगढ़ । अलीगढ़ जनपद सहित इगलास और खैर क्षेत्र में बढ़ते आवारा पशुओं की संख्या और उनसे किसानो की फसल बर्बाद होने के विरोध में राष्ट्रीय लोकदल ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया । आवारा पशुओं की आड़ में प्रशासन द्वारा किसानो का उत्पीड़न रोकने और निर्दोष किसानो की तत्काल रिहाई करने की मांग की । रालोद ने आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है ।
रालोद नेता डॉ हरचरण सिंह, नवाब सिंह छोंकर, पूर्व विधायक भगवती प्रसाद, जियाउर्रहमान के नेतृत्व में रालोद कार्यकर्ताओं और नेताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर डीएम को ज्ञापन दिया। रालोद नेताओं ने प्रशासन पर आवारा पशुओं को रोकने की बजाय किसानों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया । इगलास पुलिस द्वारा निर्दोष पकड़े गए किसानों को तत्काल रिहा करने की मांग की ।
रालोद जिलाध्यक्ष रामबहादुर चौधरी ने कहा कि इगलास में किसानों को आवारा पशुओं के नाम पर परेशान किया जा रहा है, पुलिस निर्दोष किसानों का उत्पीड़न कर रही है । उन्होंने कहा कि प्रशासन और योगी सरकार आवारा पशुओं का इन्तजाम करने और किसानों की फसल बर्बादी रोकने में विफल है । उन्होंने कहा कि 24 घण्टे में निर्दोष किसानो को रिहा नही किया और मुकद्दमे खत्म नही किये तो रालोद आंदोलन करेगा ।
पूर्व विधायक भगवती प्रसाद और डॉ हरचरण सिंह ने कहा कि योगी सरकार और प्रशासन मनमानी पर उतरा हुआ है , आवारा पशुओं ने किसानो की फसल बर्बाद कर दी है लेकिन प्रशासन रोकथाम करने में विफल है । उन्होंने कहा कि कथित रूप से गौ रक्षा का दावा करने वाली भाजपा गौवँशो की रक्षा और रहन सहन करने में विफल है । उन्होंने कहा कि प्रशासन ने किसानो से मुकद्दमे वापिस नही किये तो किसानो के साथ कलेक्ट्रेट घेरा जाएगा ।
इस अवसर पर रालोद मंडल अध्यक्ष डॉ इरफान, महासचिव अनीस चौहान एड., पूर्व मंत्री चौ महेंद्र सिंह, पूर्व विधायक भगवती प्रसाद, नवाब सिंह छोंकर, डॉ हरचरण सिंह, एडवोकेट जियाउर्रहमान, फूल सिंह धनगर, ओमपाल सुर्यवंशी, भगवंत सिंह उर्फ नंदी बाबा, चौ प्रहलाद सिंह, चौ रामवीर सिंह, मयंक सिंह आदि मौजूद रहे ।
28 दिसंबर को डीएम से मिलेंगे रालोद नेता-
अलीगढ़ । इगलास क्षेत्र के किसानों के उत्पीड़न को लेकर रालोद नेता शुक्रवार 28 दिसंबर को सुबह 11 बजे डीएम से मिलेंगे और निर्णायक वार्ता करेंगे । डीएम से मिलने के बाद रालोद नेता और किसान आगे की रणनीति तय करेंगे ।