इलाहाबाद हाईकोर्ट की मोदी और चुनाव आयुक्त से अपील, विधानसभा चुनाव टालने पर करें विचार, कहा- रैलियों को भी रोक दें
लखनऊ। देशभर में बढ़ते कोरोना के मामलों के मद्देनजर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूपी चुनाव टालने और रैलियों पर तुरंत पाबंदी लगाने का का आग्रह किया है। दरअसल, हाईकोर्ट के जज शेखर यादव ने आग्रह करते हुए कहा है कि जान है तो जहान है। यूपी चुनाव 1 से 2 महीने टाले जाएं। चुनावी रैलियों पर फौरन पाबंदी लगे।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देश व विदेशों में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रधानमंत्री और चुनाव आयुक्त से उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव कुछ समय के लिए टालने की अपील की है। कोर्ट ने कहा कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में लोगों को कोरोना की तीसरी लहर से बचाने के लिए राजनीतिक दलों की भीड़ एकत्रित करने वाली चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जाए।
#JustIn | Allahabad High Court appeals to Prime Minister Narendra Modi (@narendramodi) and Election Commission to postpone elections in view of rising cases of #Omicron.
— Live Law (@LiveLawIndia) December 23, 2021
“Jaan hai to jahaan hai (While there’s life, there is hope)” : #AllahabadHighCourt pic.twitter.com/URKBvXysVj
हाईकोर्ट ने सुझाव देते हुए राजनीतिक दलों से अपील की है कि वह चुनाव प्रचार टीवी, अखबार के जरिए करें साथ ही पीएम मोदी से आग्रह किया कि राजनीतिक दलों की चुनावी सभाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं जाएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें क्योंकि इसमें हजारों लाखों लोगों की सहभागिता होगी, उन्होंने कहा कि जान है तो जहान है।
एक जमानत आदेश पर सुनवाई करते हुए जस्टिस शेखर यादव की बेंच ने चुनाव आयोग से तत्काल राजनीतिक चहलकदमी रोक लगाने के निर्देश जारी करने की भी अपील की है। कोर्ट ने कहा कि यहां रोजाना सैकड़ों मुकदमें सूचीबद्ध होते हैं, इतनी बड़ी संख्या में केस होने के कारण ज्यादा संख्या में वकील मौजूद होते हैं और उनके बीच किसी भी तरह की सोशल डिस्टेंसिंग संभव नहीं हो पाती है। जस्टिस शेखर यादव ने कहा कि वकील आपस में चिपककर खड़े होने को मजबूर हैं।
बताते चलें कि देश में ‘ओमीक्रोन’ के बढ़ते मामलों के बीच प्रधानमंत्री ने आज एक उच्च स्तरीय बैठक में महामारी की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह चौकस रहें और राज्यों के साथ मिलकर काम करें और जन स्वास्थ्य संबंधी निषेध व प्रबंधन के उपायों के उनके प्रयासों को ‘‘समूची सरकार के रुख’’ के रूप में आगे बढ़ाएं। बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि महामारी के खिलाफ हमारे भावी कदम केंद्र के अतिसक्रिय, केंद्रित और सहयोगपूर्ण रणनीति पर आधारित होने चाहिए।