अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया, कहा- ‘हाफिज समेत लश्कर के सभी आतंकियों पर हो कार्रवाई’
वाशिंगटन। अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान को उसकी जमीन से आतंकवादी कृत्यों को अंजाम दे रहे आतंकवादी समूहों को रोकना चाहिए और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद समेत इस संगठन के अन्य आतंकवादियों के खिलाफ अभियोग चलाना चाहिए। अमेरिका ने पाकिस्तान को काली सूची में डालने या नहीं डालने को लेकर वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (फायनेन्शियल एक्शन टास्क फोर्स) के अहम फैसले से पहले यह बयान दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय की दक्षिण एवं मध्य एशियाई ब्यूरो प्रमुख एलिस वेल्स ने पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावा के चार आतंकवादियों की गिरफ्तारी का स्वागत भी किया।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने बृहस्पतिवार को आतंकवाद के वित्तपोषण के आरोपों में प्रतिबंधित लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा के शीर्ष चार सदस्यों को गिरफ्तार किया था। लश्कर ए तैयबा/जमात उद दावा के बृहस्पतिवार को गिरफ्तार किये गये शीर्ष चार आतंकवादियों के नाम प्रोफेसर जफर इकबाल, याहिया अजीज, मोहम्मद अशरफ तथा अब्दुल सलाम हैं।
वेल्स ने ट्वीट किया कि जैसा कि (पाकिस्तान के प्रधानमंत्री) इमरान खान ने कहा है, पाकिस्तान को अपने भविष्य के लिए आतंकवादियों को अपनी जमीन से काम करने से रोकना होगा। उन्होंने कहा कि हम इस समाचार का स्वागत करते हैं कि पाकिस्तान ने लश्कर के चार आतंकवादियों को गिरफ्तार किया। लश्कर के क्रूर हमलों के पीड़ित इस बात के हकदार है कि वे लश्कर के सरगना हाफिज सईद समेत इन लोगों के खिलाफ अभियोग चलता देखें।
पाकिस्तान का उसकी जमीन से गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को पकड़ने और रिहा कर देने का इतिहास रहा है। वेल्स का यह बयान ऐसे समय में आया है जब एफएटीएफ को देश के ‘ग्रे सूची’ के दर्जे पर अपना निर्णय देना है। एफएटीएफ ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ‘ग्रे’ सूची में डाल दिया था। पाकिस्तान को अक्टूबर 2019 तक पूरी करने के लिए एक कार्ययोजना दी गई थी। इसे पूरा नहीं कर पाने पर पाकिस्तान पर ईरान और उत्तर कोरिया के साथ काली सूची में डाले जाने का खतरा है। पाकिस्तान के प्रदर्शन की 12 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक चलने वाली समीक्षा यह तय करेगी कि इस्लामाबाद ग्रे सूची में रहता है या उसे काली सूची में डाल दिया जाता है या क्लीन चिट दे दी जाती है।
वेल्स ने पिछले महीने भी पाकिस्तान से कहा था कि वह सईद और मसूद अजहर जैसे आतंकवादियों के खिलाफ अभियोग चलाए। उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होना इस बात पर निर्भर करेगा कि इस्लामाबाद ‘‘सीमा पार घुसपैठ’’ में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर कितना गंभीर है। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा निरस्त करने के भारत सरकार के अगस्त के फैसले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। भारत के इस फैसले का पाकिस्तान ने कड़ा विरोध किया है। उसने भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया है और भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया है।
पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद से कश्मीर मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की कोशिश कर रहा है लेकिन नयी दिल्ली ने जोर देकर कहा है कि अनुच्छेद 370 उसका आंतरिक मामला है। अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने सईद को वैश्विक आतंकवादी नामित किया है और उसकी सूचना देने वाले को एक करोड़ डॉलर की इनामी राशि देने की घोषणा की है। ऐसा माना जाता है कि सईद के नेतृत्व वाला जमात-उद-दावा लश्कर का वह मुख्य संगठन था जिसने 2008 के मुंबई हमलों को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी।