AMU के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन बोले-‘व्यवस्था दर्पण पर FIR पत्रकारिता और सच लिखने वालों के मौलिक अधिकारों का हनन’
अलीगढ | व्यवस्था दर्पण के खिलाफ भाजपा नेता द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराने के खिलाफ तमाम सारे संगठन आ गए हैं | अमुवि के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने भी एफआईआर की निंदा की है और संपादक जियाउर्रहमान के ऊपर से मुकद्दमा हटाने की मांग की है |
यह लिखा है पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष फैजुल हसन ने –
‘जिस तरह व्यवस्था दर्पण और रालोद नेता जियाउर्रहमान पर FIR किया गया है वह सरासर पत्रकारिता और सच लिखने वालों के मौलिक अधिकारों का हनन है, जिस तरह उनपर भाजपा के लोगों ने आरोप लगाया गया है वह सिर्फ और सिर्फ अपनी खीज निकाल रहे हैं।। जिस तरह एक पोस्ट जिसमे एटा सांसद राजवीर सिंह उर्फ राजू भय्या ने मुसलमानों को आतंकवादी बोला था और पूरे कासगंज प्रकरण में उनका जो बयान आया था वो उनकी गरिमा और पद के बिल्कुल विपरीत था जिसके कारण मैं उनके खिलाफ सिविल लाइन थाने में FIR करवाने गया था जिसे राजनीतिक दबाव के कारण दर्ज नहीं किया गया था वह भी कानून के खिलाफ और मेरे मौलिक अधिकारों का हनन था। लेकिन मुझे मजबूरन न्यायालय का रास्ता अपनाना पड़ा जहाँ से पुलिस अधिकारियों के पास नोटिस भेजी गई।। बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके इन्हीं बयानों और हरकतों की वजह से भाजपा के उत्तर प्रदेश कार्यकारणी के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया।। अब जिस तरह जियाउर्रहमान पर कुछ राजनीतिक लोगों से पैसे लेकर फ़र्ज़ी FIR करवाकर दबाव बनाने की कोशिश की गई है वह बिल्कुल गलत है और अगर इसे वापस नहीं लिया गया या कोई करवाई की गई तो हम सब रोड पर उतर कर प्रदर्शन करेंगे फिर उसका परिणाम कुछ भी हो. जियाउर्रहमान ने सबूत के साथ सच लिखा तो भड़काऊ हो गये लेकिन सांसद ने पूरी मुस्लिम बिरादरी को आतंकवादी बोले तो वह शान्ति दूत बन गए ‘