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..वह गर्भवती हथिनी हम मनुष्यों के बारे में क्या सोच रही होगी ?

  • June 4, 2020
  • 1 min read
..वह गर्भवती हथिनी हम मनुष्यों के बारे में क्या सोच रही होगी ?

केरल के मल्लपुरम जिले की एक अमानुषिक घटना ने देश के संवेदनशील लोगों को गुस्से से भर दिया है। वहां भोजन की तलाश में एक हथिनी जंगल के बाहर निकल आई। गांव के कुछ लोगों ने पहले तो उसके साथ शरारतें की और फिर अनानास के एक फल के अंदर शक्तिशाली पटाखे रखकर उसे खिला दिया। अनानास भीतर जाते ही उसके मुंह में धमाके होने लगे। असह्य दर्द से छटपटाती हुई वह गांव में इधर-उधर दौड़ती रही। शायद किसी सहायता की उम्मीद में ही।

ऐसे हालात में भी उसने किसी का कोई नुकसान नहीं किया। न किसी घर तोड़ा और न किसी को आहत किया। अन्ततः वह एक नदी में जाकर खड़ी हो गई। वन अधिकारियों ने इलाज़ की खातिर उसे बाहर निकालने के लिए दो अन्य हाथियों को नदी में उतार दिया, लेकिन उसने किसी को अपने पास भी नहीं फटकने दिया। तीन दिनों तक पानी में ख़ामोश खड़ी रहने के बाद उसका प्राणांत हो गया। उसके पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टर खुद भावुक हो गए जब उन्हें पता चला कि वह निर्दोष हथिनी अकेली नहीं मरी है। उसके पेट में एक नन्ही जान भी पल रही थी।

दिल दहलाने वाली इस घटना की जांच चल रही है। केंद्र के वन एवं पर्यावरण विभाग ने इस संबंध में राज्य सरकार से रिपोर्ट मांगी है। वन्यप्राणियों के लिए काम करने वाले कुछ संगठनों ने दोषियों की पहचान बताने वालों के लिए इनाम की घोषणा भी की है। मेरी परेशानी दूसरी है। मैं इस घटना के बारे में पढ़ने के बाद कल रात से यही सोच रहा हूं कि असहनीय दर्द में तीन दिनों तक पानी में खड़ी-खड़ी वह गर्भवती हथिनी हम मनुष्यों के बारे में क्या सोच रही होगी ?

-लेखक ध्रुव गुप्त पूर्व IPS हैं और वरिष्ठ साहित्यकार हैं।