AMU आएंगे AIMIM के असदुद्दीन ओवैसी, Aligarh में मचा सियासी संग्राम, AMUSU बना रहा मुस्लिम फ्रंट
अलीगढ | AMU में एक बार फिर हंगामा मचा हुआ है। लोकसभा चुनाव से पहले अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में सियासी अखाड़ा तैयार है । सपा-बसपा गठबंधन से नाराज अमुवि छात्रसंघ ने मुस्लिम फ्रंट बनाने के लिए 12 फरवरी को 18 से अधिक मुस्लिम पार्टियों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया है, जिनमें ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी शामिल हैं। असदुद्दीन ओवैसी के आने की भनक से ही अलीगढ़ का सियासी पारा सातवें आसमान पर है । अमुवि के एक धड़े ने ओवैसी के विरोध शुरू कर दिया है । वहीं भाजपा नेताओं ने तो ओवैसी को न्योता देने की शिकायत मानव संसाधन विकास मंत्री से की है । अमुवि में छात्र नेता अजय सिंह ने तो ओवैसी को किसी कीमत में अमुवि न घुसने देने का एलान किया है ।
दरअसल सपा-बसपा गठबंधन का एलान करने के बाद से तमाम छात्र नाराज हैं। छात्रसंघ ने गठबंधन को ‘ठगबंधन’ तक की संज्ञा दी है। छात्रसंघ उपाध्यक्ष हमजा सूफियान का कहना है कि सपा व बसपा ने 38-38 सीटों पर चुनाव लडऩे का एलान किया है। दो सीटें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी व संरक्षक सोनिया गांधी के लिए छोड़ी हैं। बसपा व सपा ने मुस्लिम पार्टियों के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी। यह तो मुस्लिमों के लिए छलावा है।
यूनियन हॉल में पिछले शनिवार को मुस्लिम राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई गई थी, जिसमें मुस्लिम फ्रंट बनाने पर सहमति बनी थी। मीटिंग में पीस पार्टी, इंडियन नेशनल लीग, राष्ट्रीय ओलमा काउंसिल, भारतीय मजलिस, आइआरपीएफ, परचम पार्टी, नेशनल अमन पार्टी, एसडीपीआइ, नेशनल लोकतांत्रिक पार्टी, इंडियन मुस्लिम राबिता काउंसिल आदि दलों के नेता शामिल हुए। मीटिंग के लिए हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी समेत 18 से अधिक दलों के नेताओं को पांच फरवरी को ही पत्र लिखा जा चुका है। एएमयू छात्रसंघ सचिव हुजैफा का कहना है कि सपा, बसपा व कांग्रेस ने मुस्लिमों को भ्रम में ही रखा है। छोटे मुस्लिम दलों को जोड़कर गठबंधन बनाएंगे। 12 फरवरी की मीटिंग के लिए एएमयू से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है।