उद्धव के समर्थन में चंपत राय के वायरल वीडियो से अयोध्या के संतों में आक्रोश
अयोध्या | श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय द्वारा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का समर्थन किए जाने से हनुमान गढ़ी के नागा साधू और अयोध्या के संत नाराज हो गए हैं। दरअसल, अयोध्या के संतों ने बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और पालघर में साधुओं की हत्या के मामले में उद्धव ठाकरे को निशाने पर लेते हुए उनके अयोध्या आगमन पर विरोध करने की बात कही थी।
इस बीच चंपत राय ने शिवसेना प्रमुख के प्रति अपना समर्थन जता दिया। सोमवार को वाट्सएप ग्रुपों में एक वीडियो क्लिप के जरिए उनका एक बयान वायरल हुआ। उन्होंने यहां तक कह दिया कि किसकी हिम्मत है कि उद्धव ठाकरे को अयोध्या आने से रोक सके। यह देखा जाना अभी बाकी है। चंपत राय के इस बयान ने हनुमान गढ़ी के नागा साधुओं और अयोध्या के संतों को उनके खिलाफ खड़ा कर दिया है। हनुमान गढ़ी के पुजारी राजू दास ने मंगलवार को कहा कि ‘चंपत राय का बयान स्वीकार्य नहीं है।अयोध्या ने उन्हें बहुत सम्मान दिया है। उन्हें इसे यूं ही नहीं लेना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि चंपत राय विश्व हिन्दू परिषद नहीं हैं। हम चंपत राय का विरोध कर रहे हैं न कि विश्व हिन्दू परिषद का। गौरतलब है कि चंपत राय विश्व हिन्दू परिषद के उपाध्यक्ष भी हैं।
राजू दास ने कहा,’चंपत राय को स्वयं को ट्रस्ट की गतिविधियों तक सीमित रखना चाहिए। वह कोई संत नहीं हैं। उन्होंने अब अयोध्या के संतों को बांटने की राजनीति खेलनी शुरू की है जैसा कि अंग्रेजों ने भारत में किया।’ अयोध्या में अब उद्धव ठाकरे और शिवसेना का स्वागत नहीं होगा। महराष्ट्र के मुख्यमंत्री यदि अब अयोध्या आते हैं तो उन्हें यहां विरोध का सामना करना पड़ेगा। अयोध्या संत समाज के प्रमुख महंत कल्याण दास ने भी उद्धव ठाकरे के समर्थन वाले बयान के लिए चंपत राय की आलोचना की। महंत कल्याण दास ने कहा कि चंपत राय को कोई बयान नहीं जारी करना चाहिए। कुछ भी कहने से पहले उन्हें कम से कम दो बार सोचना चाहिए। उद्धव ठाकरे और शिवसेना का अब अयोध्या में स्वागत नहीं होगा। शिवसेना रनौत पर हमला क्यों कर रही है? अब शिवसेना वह नहीं रही जो बाला साहेब ठाकरे के समय में हुआ करती थी।
निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने भी चंपत राय के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि अयोध्या के संत चंपत राय के बयान से सहमत नहीं हैं। हम उद्धव ठाकरे का विरोध जारी रखेंगे। चंपत राय के खिलाफ अयोध्या में नाराजगी बढ़ती जा रही है। अयोध्या के संत उनके विवादास्पद बयान के बाद किसी दबाव में आने को तैयार नहीं हैं।