UP : पुलिस और नेता से परेशान होकर वरिष्ठ अधिवक्ता ने खुद को गोली से उड़ाया, वकीलों में आक्रोश
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लखनऊ । उतर प्रदेश के महोबा के समदनगर में रहने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश पाठक ने पुलिस अफसरों पर गंभीर आरोप लगा लाइसेंसी बंदूक से खुदकुशी कर ली। उन्होंने 5 दिन पहले कबरई ब्लाक प्रमुख व प्रसपा के प्रदेश महासचिव चौधरी छत्रपाल समेत 5 लोगों पर जबरन 60 लाख वसूलने का आरोप लगा मुकदमा दर्ज कराया था। यह मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था।
वरिष्ठ अधिवक्ता ने पहले पुलिस पर मुकदमा न लिखने और कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी न करने का आरोप लगाया था। आत्महत्या से पूर्व लिखे सुसाइड नोट में उन्होंने पुलिस अफसरों पर आरोपितों से मिलीभगत का आरोप लगाया गया है। उन्होंने लिखा है कि आरोपित उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने का षड्यंत्र रच रहे हैं और जानमाल की धमकी दे रहे हैं। कोर्ट के आदेश पर मुकदमा लिखे जाने से पहले उन्होंने सोशल मिडिया पर पोस्ट किया था कि उनकी जान को खतरा है। घटना की जानकारी होते ही पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार श्रीवास्तव कई थानों की फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गए।
मुकेश पाठक ने जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था उसमें कबरई ब्लाक प्रमुख छत्रपाल यादव के अलावा विक्रम यादव, रवि सोनी, आनंद मोहन, अंकित सोनी सामिल हैं। आरोप है इन लोगों ने मार्च 2020 से मई 2020 तक उनसे जबरन 60 लाख रुपए वसूले। मुकदमे में बेटे शिवम के साथ मारपीट करने व जान माल की धमकी का भी आरोप है। उनकी आत्महत्या की खबर फैलते ही शहर के तमाम अधिवक्ताओं घर पहुंच गए।
ऐसे ही हुई थी कारोबारी की मौत-
महोबा में इसी तरह करीब पांच माह पूर्व कारोबारी इंद्रकांत त्रिपाठी की मौत हुई थी, उन्होंने भी तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ रिश्वत मांगने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे। इसी तरह उन्होंने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि उनकी जान को खतरा है। पुलिस आज तक मणिलाल पाटीदार को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।