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November 22, 2024
छात्र एवं शिक्षा

फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे जेएनयू छात्रों पर पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज, कई घायल

  • November 19, 2019
  • 1 min read
फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे जेएनयू छात्रों पर पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज, कई घायल

नई दिल्ली | जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हॉस्टल फीस बढ़ोतरी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। संसद सत्र के पहले दिन सैकड़ों छात्रों ने जेएनयू कैंपस से संसद भवन तक पैदल मार्च निकालने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें जेएनयू के पास रोकने का प्रयास किया, परंतु वह पुलिस को चकमा देकर नई दिल्ली स्थित अरबिंदो मार्ग, सफदरजंग मकबरे तक पहुंच गए। यहां से छात्रों ने आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर दिया। इस दौरान कई छात्र जख्मी हो गए। भारी पुलिस बल ने छात्रों को अरबिंदो मार्ग पर ही रोक दिया तो छात्र वहीं धरने पर बैठ गए। विद्यार्थी कहीं संसद भवन तक न पहुंच जाएं, इसलिए पटेल चौक, उद्योग भवन, केंद्रीय सचिवालय, लोक कल्याण मार्ग और जोरबाग मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी छात्रों को समझाने में जुटे रहे।

इधर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्चस्तरीय तीन सदस्यीय कमेटी गठित कर सभी हितधारकों से बात कर जेएनयू में हालात सामान्य करने के लिए कहा है। पुलिस ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष समेत कई छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जेएनयू से संसद मार्ग तक किसी भी पैदल मार्च को निकालने की अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस ने सजगता बरतते हुए जेएनयू और नई दिल्ली इलाके में धारा-144 लगा दी थी। बावजूद इसके, सुबह 11 बजे से छात्रों ने जेएनयू कैंपस में इकट्ठा होना शुरू कर दिया। पुलिस ने भी जेएनयू के बाहर तीन स्तरीय बेरिकेडिंग कर दी।

12 बजते ही विद्यार्थी कैंपस से बाहर निकले और एक-एक कर तीनों बेरिकेडिंग ध्वस्त कर दी। करीब दो घंटे चले हंगामे के बाद पुलिस ने छात्रों को हिरासत में लेना शुरू कर दिया। पुलिस ने बल प्रयोग करने की भी चेतावनी दी। इसके बाद पुलिस पांच-छह बसों में छात्रों को भरकर सरोजनी नगर, वसंतकुंज, सफदरजंग एंक्लेव व हौजखास थाने ले गई।

छात्रों ने अचानक बदली रणनीति-
पुलिस की कार्रवाई देखकर छात्रों ने अचानक रणनीति बदल दी और पीछे हट गए। जेएनयू कैंपस में बचे हुए छात्र दोपहर करीब दो बजे जेएनयू के आसपास कालोनी वाले रास्तों से होते हुए नेल्सन मंडेला मार्ग होकर आउटर रिंग रोड पर इकट्ठा हो गए। देखते ही देखते करीब 1500 से 2000 छात्रों की भीड़ वहां पहुंच गई और संसद भवन की ओर पैदल मार्च निकालना शुरू किया। छात्र नेल्सन मंडेला मार्ग से होते हुए मुनिरका, स्वामी विवेकानंद मार्ग, आरकेपुरम, हयात होटल, सरोजनी नगर, सफदरजंग, एम्स फ्लाईओवर होते हुए आईएनए और अरबिंदो मार्ग पहुंच गए। छात्रों के मार्च की वजह से दक्षिणी दिल्ली और नई दिल्ली इलाके में ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा गई। यहां तक एम्स और सफदरजंग अस्पताल जाने वाले लोगों को भारी दिक्कत हुई।

दोपहर तीन बजे जैसे ही छात्रों ने सफदरजंग मकबरे से आगे बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें करीब आधा दर्जन छात्रों को चोटें लगी हैं। हालांकि, पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस ने बल प्रयोग नहीं किया। बेरिकेडिंग पर हंगामे के दौरान छात्र घायल हुए होंगे। इसमें कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।

अर्द्घसैनिक बल ने संभाला मोर्चा-
पुलिस के खदेड़ने पर विद्यार्थी अरबिंदो मार्ग पर ही धरने पर बैठ गए। हालात को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल बुलाना पड़ा। दिल्ली पुलिस और अर्द्घसैनिक बलों की करीब 15 कंपनियों को अरबिंदो मार्ग पर तैनात करना पड़ा। स्पेशल सीपी लॉ ऑर्डर आरएस कृष्णाइया और स्पेशल सीपी प्रवीर रंजन मौके डटे रहे। पुलिस अधिकारी छात्रों को समझाने का प्रयास करते रहे। देर रात तक जब वह नहीं हटे तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर उन्हें हटा दिया।