कोरोना पॉजिटिव RSS नेता ने कोविड अस्पताल में ही शुरू कर दी शाखा
लखनऊ | मिर्जापुर में कोरोना अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भी संघ की शाखा शुरू हो गई है। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक पदाधिकारी और उनके बेटे को की रिपोर्ट रविवार को पॉजिटिव आई थी। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पिता पुत्र को बसही स्थित शेम्फोर्ड स्कूल में बने कोरोना अस्पताल के आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया। अगले ही दिन से संघ पदाधिकारी ने आइसोलेशन वार्ड में ही शाखा शुरू कर दी।
संक्रमित मरीज संघ की शाखाओं के माध्यम से कोरोना को मात देने में जुटे हुए हैं। बीते दो दिनों से आरएसएस पदाधिकारी के इशारे पर मरीज सुबह छह बजे वार्ड के अंदर ही शाखा लगाने के लिए ध्वज लगा कर प्रमाण करने के बाद शाखा की अन्य गतिविधियों में जुट रहे हैं। इससे न केवल संक्रमित मरीजों का मानसिक तनाव कम हो रहा है, बल्कि योग, प्राणायाम से शारीरिक बल भी मिल रहा है।
वार्ड में कोरोना के 169 मरीज रखे गए हैं। संघ के सह प्रांत कार्यवाह और उनके बेटे ने यहां पहुंचते ही सबसे पहले लोगों को शाखा को लेकर तैयार किया। इसके बाद अगले ही दिन छह बजे से सात बजे तक आईसोलेशन वार्ड के हाल में शाखा लगा दी। इस दौरान संघ की नियमित प्रार्थना भी गुनगुनाई गई।आईसोलेशन वार्ड का पूरा माहौल सुबह के वक्त खुशनुमा हो गया है। पदाधिकारी के अनुसार किसी भी मरीज के चेहरे पर अब न तनाव दिखता है और न किसी प्रकार की चिंता ही रहती है। नोडल अफसर अपर सीएमओ डा. अजय कुमार का इस बारे में कहना है कि योग और प्राणायाम से इम्युनिटी मजबूत होती है। इससे लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। सुबह की शाखा लगाने से मरीजों की दिनचर्या पूरे दिन बेहतर रहती है। शाखा के दौरान प्रतिदिन गाए जाने वाले गीत से मरीजों के मानसिक तनाव को भी दूर करने में मदद मिलती है।
बीएचयू के साइकोलाजिस्ट प्रो. संजय गुप्ता का भी कहना है कि इन कार्यों से कोरोना के मरीजों में सकारात्मक सोच का विकास होगा। मनोबल बढ़ने से तनाव झेलने की क्षमता में वृद्धि होती है। साथ ही ह्यूमन कनेक्शन भी बढ़ता है। इससे मनोबल में वृद्धि होती है। लेकिन यह सब कार्य चिकित्सकों के निर्देश में हो तो बेहतर होगा। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर तैयार की गयी गाइड लाइन का भी अनुपालन होना चाहिए।