मध्यप्रदेश में कोरोना से आठवीं मौत, इंदौर बना कोरोना का नया हॉटस्पॉट
भोपाल | मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर राज्य में कोरोना का नया हॉटस्पॉट बन गया है। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से एक और मौत हो गई है। इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण से गुरुवार सुबह 65 वर्षीय महिला और 54 वर्षीय पुरुष के दम तोड़ने के साथ ही राज्य में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की मौत की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।
शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से शहर के मोती तबेला इलाके में रहने वाले 54 वर्षीय पुरुष ने महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में आखिरी सांस ली। उसे 29 मार्च को अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्होंने बताया कि मरीज को पिछले दो दिन से सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी। उसे पिछले 15 दिन से बुखार आ रहा था। हालांकि, उसे सर्दी-खांसी की समस्या नहीं थी। अधिकारी ने बताया कि मरीज ने पिछले दिनों कोई यात्रा नहीं की थी। अब तक इस बात का पता नहीं चल सका है कि क्या वह किसी कोरोना वायरस संक्रमित के संपर्क में आया था। इससे पहले, शहर के खजराना इलाके में रहने वाली 65 वर्षीय महिला ने मनोरमा राजे टीबी (एमआरटीबी) चिकित्सालय में गुरुवार सुबह ही आखिरी सांस ली।
अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से दम तोड़ने वाली महिला मधुमेह और थायराइड से पहले ही पीड़ित थी। उसने पिछले दिनों कोई यात्रा नहीं की थी। इस बात का पता नहीं चल सका है कि क्या वह किसी कोरोना वायरस संक्रमित के संपर्क में आई थी। अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमित दोनों मरीजों ने गुरुवार सुबह आधे घंटे के अंतराल में दम तोड़ा।
अब तक मिली रिपोर्टों के मुताबिक सूबे में कुल 98 लोग कोरोना वायरस संक्रमण की जद में आए हैं। इनमें इंदौर के सर्वाधिक 75 मरीज शामिल हैं। इसके अलावा, जबलपुर के आठ, उज्जैन के छह, भोपाल के चार और शिवपुरी एवं ग्वालियर के दो-दो मरीजों और खरगोन के एक मरीज में भी कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है। राज्य में इस महामारी से संक्रमित होने के बाद इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले आठ मरीजों में इंदौर के पांच, उज्जैन के दो और खरगोन का एक मरीज शामिल हैं। प्रदेश के पश्चिमी हिस्से से ताल्लुक रखने वाले इन लोगों को अन्य बीमारियां भी थीं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जडिया ने बताया कि शहर की मौजूदा स्थिति को अभी हम कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण नहीं कह सकते। अब तक मिले मरीजों में शामिल ज्यादातर लोग आपस में रिश्तेदार या परिचित हैं जिन्होंने एक-दूसरे के संपर्क में आकर इस बीमारी को फैलाया। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को शहर में कोरोना वायरस के किसी नए मरीज के बारे में जैसे ही पता चलता है, उसके परिजनों और उसके संपर्क में आए लोगों को ढूंढकर उन्हें पृथक केंद्रों में पहुंचा दिया जाता है।