हनुमान मंदिर में पूजा करने पर इस्लाम से ‘खारिज’ एमएलसी बुक्कल नवाब
लखनऊ | भाजपा की टिकट मिलने पर एमएलसी की पर्चा भरने से पूर्व प्रत्याशी नवाब बुक्कल द्वारा हनुमान मंदिर में जाकर पूजा-अर्चना करने पर देवबंदी उलेमा की त्यौरियां चढ़ गई। उन्होंने नवाब बुक्कल के कृत्य पर उन्हें इस्लाम मजहब से खारिज बताते हुए कहा कि अफसोस की बात है कि कुछ मुस्लिम नेता अपने फायदे के लिए इस्लाम विरोधी कार्य कर दूसरों की नजरों में चढ़ने के लिए अंजाम दे रहे हैं।
मदरसा दारुल उलूम अशरफिया के मोहतमिम मौलाना सालिम अशरफ कासमी ने कहा कि मुस्लिम कौम जागरुक है और किसी के दिखावे में न आकर इस तरह के नेताओ को नकार देगी। उन्होंने कहा कि किसी भी दिखावे के लिए यदि कोई दूसरें मजहब के रीति रिवाज जैसे पूजा-अर्चना कर अल्लाह के शरीक किसी दूसरें को करता है तो वह इस्लाम मजहब से खारिज माना जाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के दिखावे से कभी भारत मजबुत नहीं हो सकेगा क्योंकि मजहब दिखावे के लिए नहीं होता। उन्होंने बुक्कल नवाब से तौबा करने का आह्वान करते हुए कहा कि वह अपने आप को बचाएं।
दारुला उलूम निसवाह के मोहतमिम मौलाना अब्दुल लतीफ कासमी ने कहा कि कुछ लोग अपना कद बढ़ाने के लिए ऐसी हरकते जानबुझ कर करते हैं। इस्लाम मजहब में इसकी इजाजत नहीं है और शिया उलेमा-ए-हजरात को उनके फैसले पर निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस्लाम मजहब के मुताबिक उन्हे अल्लाह से तौबा कर पुन: कलमा पढ़ना चाहिए।