KK हॉस्पिटल के डॉक्टरों की गुंडई पर FIR, IMA के नेता जाम लगाकर फंसे, पीड़ित परिजनों को जेल और डॉक्टर पक्ष आजाद
अलीगढ । केके हॉस्पिटल में डॉक्टर और मरीज के परिजनों में हुआ विवाद अब बढ़ता जा रहा है । केके हॉस्पिटल में शुक्रवार को हुई मारपीट और शनिवार को रामघाट रोड पर जाम को लेकर केके हॉस्पिटल प्रबंधन व आईएमए पदाधिकारियों पर दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। डॉक्टरों पर FIR के बाद अब हड़कंप है । वहीं तीमारदार पक्ष के चार लोगों को शनिवार शाम न्यायालय में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया लेकिन डाक्टर पक्ष के लोग खुलेआम घूम रहे हैं ।
एसएसपी मुनिराज जी के अनुसार पहला मुकदमा पीड़ित महिला रजनी के पिता वीरेंद्र सिंह निवासी उस्मानपुर खुर्जा बुलंदशहर की तहरीर पर दर्ज किया गया है। एकराय होकर हमलावर होने, मारपीट, गाली-गलौज करने व धमकी देने और बल प्रयोग कर अतिरिक्त धन की मांग करने की धाराओं में यह मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसमें आरोप है कि उनकी बेटी के इलाज के लिए 35 हजार रुपये तय हुए थे। मगर, डॉक्टर ने ढाई लाख रुपये ले लिए। बच्चे पैदा होने के बाद जब बेटी को आराम नहीं मिला तो उनके दामाद नरेंद्र ने डॉ. सागर से एतराज जताया। इसी बात पर डॉ.सागर, डॉ.केके वार्ष्णेय, डॉ.अभिषेक वार्ष्णेय, बाउंसर अजेंद्र, प्रदीप व अन्य बाउंसर, स्टाफ के साथ 15-20 अज्ञात आरोपियों ने मिलकर पीटा और पिटवाया। इस दौरान हमलावरों के हाथों में लाइसेंसी हथियार भी थे और रोड, स्टैंड, पाइप से हमला किया। इस मारपीट में नरेंद्र, अर्जुन, दीपक, सुमित व अमित के काफी चोटें आई हैं। साथ में अतिरिक्त धन मांगा गया। वहीं बेटी को इलाज के बिना बाहर कर दिया, जिसका अब खुर्जा में इलाज चल रहा है।
वहीं, डॉ.सागर की तहरीर पर शुक्रवार को दर्ज किए गए मुकदमे में गिरफ्तार तीमारदार पक्ष के अर्जुन, अमित, सुमित व दीपक को पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया है। शनिवार को जाम के संबंध में दूसरा मुकदमा रामघाट रोड चौकी इंचार्ज रूप चंद्र की ओर से डॉ.नीरज गर्ग, डॉ.अभिषेक सिंह, डॉ.मुकुल वार्ष्णेय, डॉ.पवन वार्ष्णेय, आईएमए अध्यक्ष डॉ.विपिन गुप्ता, डॉ.अनूप गुप्ता, आईएमए सचिव डॉ.भरत वार्ष्णेय, डॉ.सीपी गुप्ता, डॉ.जीपी वार्ष्णेय, डॉ.शैलेष गुप्ता, डॉ.रविंद्र वार्ष्णेय, डॉ.उमाशंकर श्रीवास्तव, डॉ.सागर वार्ष्णेय नामजद व 10-15 अज्ञात आरोपी बनाए गए हैं। यह मुकदमा महामारी अधिनियम, 144 उल्लंघन, जाम लगाने, उठाने का प्रयास करने पर उग्र होकर सरकारी कार्य में बाधा पैदा करने व लोक सेवक को अपने काम से रोकने की धाराओं में दर्ज किया गया है।
पूरे मामले पर आईजी पीयूष मोर्दिया का कहना है कि यह बिल्कुल स्पष्ट है कि जिसने जो किया है, उसी अनुसार कार्रवाई होगी। जो जो तथ्य सीसीटीवी में सामने आते जाएंगे, चाहे वह कोई भी और कितनी भी पहुंच वाला क्यों न हो। या कोई कर्मचारी/अधिकारी क्यों न हो, उस पर निष्पक्ष जांच के बाद कार्रवाई होगी।