लखनऊ : दारुलशफा में सभापति रमेश यादव के बेटे की संदिग्ध मौत, पुलिस ने शवयात्रा रोक कराया पोस्टमार्टम
लखनऊ । विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के छोटे बेटे अभिजीत यादव उर्फ विवेक (22) की गला घोंटकर हत्या कर दी गई। वह अपनी मां मीरा यादव और भाई के साथ दारुलशफा के सरकारी आवास में रहता था। रविवार सुबह घरवाले बिना पुलिस को सूचना दिए ही शव का अंतिम संस्कार करने जा रहे थे।
मामले के तूल पकड़ने पर हजरतगंज पुलिस ने रास्ते में शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। देर शाम आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने मामले को नया मोड़ दे दिया। रिपोर्ट में अभिजीत के सिर पर चोट और गला दबाकर हत्या किए जाने की पुष्टि हुई। जबकि उसकी मां मीरा यादव का बयान था कि अभिजीत को सीने में दर्द उठा था और उसकी स्वभाविक मौत हुई है। अब हत्या की बात उजागर होने पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
एएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि दारुल शफा के बी-ब्लॉक के फ्लैट नंबर- 137 में विधान परिषद के सभापति एटा निवासी रमेश यादव की दूसरी पत्नी मीरा यादव अपने बेटे अभिषेक यादव (27) और अभिजीत यादव उर्फ विवेक के साथ रहती हैं। मीरा यादव के मुताबिक शनिवार रात अभिजीत अपने कुछ दोस्तों के साथ बाहर गया हुआ था। देर रात वह घर लौटा और अपने कमरे में जाकर लेट गया। रविवार सुबह पुलिस को सूचना मिली कि अभिजीत की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। इस सूचना पर हजरतगंज पुलिस और अन्य अधिकारी दारुल शफा पहुंचे। इस दौरान सभापति रमेश यादव शहर से बाहर थे।
सीने में दर्द की बात बताई
पुलिस ने परिवारीजनों से बातचीत की तो उनका कहना था कि अभिजीत को रात में सीने में दर्द उठा था। मीरा यादव ने बताया कि अभिजीत के कहने पर उन्होंने उसके सीने और पीठ पर बॉम लगाकर मालिश की थी। दर्द से राहत मिलने पर वह बिस्तर पर लेट गया था जिसके बाद वह भी सोने चली गई। रविवार सुबह जब उन्होंने देखा तो अभिजीत के शरीर में कोई हलचल नहीं थी। डॉक्टर के यहां ले जाने से पहले ही उसकी मौत हो गई। मीरा यादव के मुताबिक घटना के वक्त बड़ा बेटा अभिषेक घर पर नहीं था। सुबह उन्होंने उसे फोन करके बुलाया। अभिषेक ने पुलिस से कहा कि उसके भाई की मौत स्वाभविक हुई है। इसलिए वह लोग किसी तरह की पुलिस कार्रवाई नहीं चाहते हैं।
शव यात्रा रोककर की पोस्टमार्टम की कार्रवाई
मां व भाई ने शव का पोस्टमार्टम करवाने से साफ इनकार कर दिया। लिहाजा पुलिस ने परिवार वालों की बात मानते हुए शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने की इजाजत दे दी। इस बीच कुछ लोगों ने घटना पर संदेह व्यक्त कर दिया जिससे मामले ने तूल पकड़ लिया। इस पर अधिकारियों ने हजरतगंज पुलिस को शव का पोस्टमार्टम कराने के निर्देश दिए। आदेश मिलते ही हजरतगंज पुलिस ने बैकुण्ठ धाम जा रही शव यात्रा को नेशनल कॉलेज के पास रोक लिया। पुलिस ने रास्ते में ही पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस दौरान परिवार वालों ने पुलिस कार्रवाई का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि अभिजीत की मौत बीमारी के चलते हुई है फिर भी पुलिस इसे संदिग्ध बताने में जुटी है।
डॉक्टर के पैनल में फोरेंसिक टीम भी हुई शामिल-
अभिजीत की मौत के बाद उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए तीन डॉक्टरों का पांच बनाया गया था, जिसमें फोरेंसिक के विशेषज्ञ भी शामिल थे।
अफवाहों का बाजार रहा गर्म-
विधानपरिषद के सभापति के बेटे अभिजीत की मौत पर रविवार को पूरे दिन दारुलशफा में चर्चाओं का दौर गर्म रहा। हर कोई इतनी कम उम्र के हार्ट अटैस से हुई मौत की बात को हजम करने को ही तैयार नहीं था।