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मायावती ने दलित, ओबीसी और मुस्लिम पर जताया भरोसा, महागठबंधन के सहारे जीत की आस

  • March 23, 2019
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मायावती ने दलित, ओबीसी और मुस्लिम पर जताया भरोसा, महागठबंधन के सहारे जीत की आस

लखनऊ | बसपा सुप्रीमो मायावती ने पहली सूची में यह साफ कर दिया है कि वह दलित, ओबीसी और मुस्लिम समीकरण को आधार बनाकर मैदान में उतरेंगी। जातीय गणित को अधिक महत्व देने की ये भी वजह बताई जा रही है कि वह पुराने फार्मूले पर लौट रही है। शायद यही वजह है की मायावती की पहली सूची में 3 दलित, तीन ओबीसी और तीन मुस्लिम उम्मीदवारों को स्थान मिला है एक राजपूत और एक वैश्य बिरादरी को भी मैदान में उतार कर जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखा गया है। पहली सूची में ब्राह्मण को जगह नहीं मिली है।

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लोकसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। यह पहला मौका है जब चरणवार सूची जारी की जा रही है। बसपा यूपी में 25 साल बाद सपा से गठबंधन कर लोकसभा चुनाव लड़ रही है। उसे गठबंधन में 38 सीटें मिली है। पहले दो चरणों में 16 सीटों पर होने वाले मतदान में बसपा 10 सीटों पर जोर आजमाइश कर रही है। मायावती ने इन चरणों की 11 सीटों पर जो उम्मीदवार घोषित किए हैं।

हाजी फजलुर रहमान सहारनपुर से मेयर का चुनाव लड़ चुके हैं। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया था। मेयर चुनाव में बेहतर परफार्मेंस देखते हुए उन पर लोकसभा चुनाव में दांव लगाया गया है। अमरोहा से मैदान में आने वाले कुंवर दानिश अली हाल ही में बसपा में शामिल हुए हैं और वह जनता दल (एस) के महासचिव व प्रवक्ता रह चुके हैं। कुंवर दानिश हापुड़ के रहने वाले हैं। हाजी मोहम्मद याकूब बसपाई हैं, लेकिन वर्ष 2003 में सपा में चले गए थे और विधानसभा का चुनाव भी जीते थे। सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां से नाराजगी के बाद वह पुनः बसपा में लौट आए।नगीना सुरक्षित सीट से गिरीश चंद्र जाटव हैं और बसपा के पुराने नेता हैं। संभल से विधायक रह चुके हैं। बुलंदशहर सुरक्षित सीट से योगेश वर्मा की पत्नी मेरठ की मेयर है और बंद के दौरान काफी दिनों तक जेल में रह चुके हैं। अलीगढ़ से अजीत बालियान जाट, बिजनौर से गुर्जर जाति के मूलक नागर और गौतमबुद्ध नगर से गुर्जर सतवीर नागर पर दांव लगाया गया है।

सपा से आई बिजनौर की पूर्व विधायक रुचि वीरा पर भी विश्वास जताते हुए मैदान में उतारा गया है। यह वही रुचि वीरा है जिन्हें पूर्व में बिजनौर से लोकसभा प्रभारी बनाया गया था, लेकिन विरोध के चलते उन्हें आंवला से मैदान में उतारा गया है। रुचि वैश्य समुदाय से हैं और अखिलेश से खटपट होने के बाद उन्होंने बसपा में शामिल होकर राजनीति शुरू की है। फ़तेहपुर सीकरी से ठाकुर राजवीर सिंह को टिकट दिया गया है। राजवीर बसपा में हाल ही में आए हैं, बिल्डर हैं और उन्हें आनंद का करीबी भी बताया जाता है।

चार नए चेहरो पर दांव-
बसपा ने पहले फेस में चार नए चेहरे पर दांव लगाया है। इसमें अजीत बालियान जाट हैं और ओबीसी हैं। आगरा में मनोज कुमार सोनी दलित है। फतेहपुर सीकरी में राजपूत बिरादरी के राजवीर सिंह है। अमरोहा में दानिश अली है। इन्हें पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा का करीबी माना जाता रहा हैं।