मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले-घमंडी हैं मोदी, किसानों के मुद्दे पर हो गई थी लड़ाई
मेघालय। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को चरखी दादरी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने चरखी दादरी रेस्ट हाउस में लोगों से बातचीत की। इस बातचीत में राज्यपाल सत्यपाल मलिक एक बार फिर किसानों के पक्ष में उतरे। उन्होंने कहा कि किसानों पर अगर कोई आंच आएगी तो वे राज्यपाल तो क्या, कोई भी बड़ा पद होगा तो तुरंत छोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि किसानों व समाज के लिए हमेशा तत्पर रहा हूं और हमेशा अग्रणी खड़ा मिलूंगा। वहीं उन्होंने किसानों को लेकर पीएम मोदी पर बड़ा और गंभीर आरोप लगाया।
Meghalaya’s Governor Mr. Satya Pal Malik exposes Modi said on record PM was ‘arrogant’ on the issue of Farmers & HM Amit Shah called the PM as ‘mad’#FarmersProtest pic.twitter.com/NYVqoE2LzR
— I support Rahul Gandhi (@UnitedWithINC) January 3, 2022
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बताया कि एक बार वो किसानों की मौत की चर्चा करने के लिए पीएम मोदी से मुलाकात करने पहुंचे। मलिक के मुताबिक पांच मिनट की मुलाकात में ही उनकी पीएम से लड़ाई हो गई। उन्होंने किसानों की मौत का मुद्दा पीएम के सामने उठाया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि पीएम काफी घमंड में थे। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने उन्हें जवाब दिया कि कुत्ता भी मरता है तो चिट्ठी लिख देते हो। इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें गृह मंत्री अमित शाह से बात करने के लिए कह दिया।
उन्होंने कहा कि ”मैं जब किसानों के मामले पर प्रधानमंत्री से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई। वो बहुत घमेंड में थे। जब मैंने उनसे कहा हमारे 5 सौ लोग मर गए तो बोले तुम तो कुतिया मरती है तब भी चिट्ठी भेजते हो। उन्होंने कहा मेरे लिए मरे हैं? मैंने कहा आपके लिए तो मरेंगे। आप राजा बने हुए हो उनकी वजह से। खैर उन्होने कहा तुम अमित शाह से मिलो। मैं अमित शाह से मिला तो उन्होंने कहा सतपाल इसकी अकल मार रखी है लोगों ने तुम बेफिक्र रहो। मिलते रहो। ये किसी ना किसी दिन समझ में आ जायेगा।”
किसानों के प्रदर्शन पर सत्यपाल मलिक ने आगे कहा कि के सरकार को अब इमानदारी बरतते हुए तुरंत दर्ज केसों को रद्द करके एमएसपी को कानूनी रूप देना होगा। क्योंकि किसान आंदोलन समाप्त नहीं हुआ बल्कि स्थगित हुआ है, अगर किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो फिर से आंदोलन हो सकता है। उन्होंने कहा कि कृषि कानून रद्द होना किसानों की बड़ी जीत है, एमएसपी को लेकर भी किसान एकजुट रहेंगे।