भारत की धर्म-निरपेक्ष छवि और सांझी संस्कृति के प्रतीक थे जियाउर्रहमान : मिल्लत बेदारी कमेटी
अलीगढ़ । स्व० ज़ियाउर रहमान अन्सारी न केवल देश के सम्मानित राजनीतिज्ञ थे बल्कि एक सफल प्रशासक भी थे। उक्त बाते मिल्लत बेदारी मुहीम कमेटी (एम०बी०एस०सी०) के अध्यक्ष प्रोफ़ेसोर रज़ाउल्लाह खान ने मीडिया सेन्टर अलीगढ़ पर पूर्व वन एवं पर्यावरण मन्त्री ज़ियाउर रहमान अन्सारी की 26वी पुण्यतिथि पर आयोजित एक स्मृति बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि अन्सारी एक मृद्रभाषी प्रभावी व्यक्तित्व के मालिक थे।
सचिव डॉ० जसीम मोहम्मद ने कहा कि ज़ियाउर रहमान अन्सारी श्रीमति इन्दिरा गाँन्धी और राजीव गाँन्धी के मन्त्रिमण्डल मे चौदह वर्षों तक विभिन्न मन्त्रालयों के मन्त्री रहे और उन्होंने प्रत्येक मन्त्रालय मे अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने कहा कि गंगा सफाई अभियान की शुरूआत भी ज़ियाउर रहमान अन्सारी के कार्यकाल मे हुई।
ज़ियाउर रहमान अन्सारी को श्रद्यांजली देते हुए डॉ० जसीम मोहम्मद ने कहा कि अन्सारी एक इमानदार राजनीतिज्ञ थे और उन्होंने लगातार विधान सभा तथा लोक सभा का चुनाव उन्नाव से जीता जहाँ मुसलमानो की जनसंख्या केवल 6 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि अन्सारी प्रत्येक धर्म और जाति मे अपनी पैठ रखते थे क्योंकि वे धर्म और जाति से ऊपर थे। प्रोफेसर मौला बक्श अंसारी ने कहा कि एक राजनीतिज्ञ के अलावा ज़ियाउर रहमान अन्सारी एक प्रभावी वक्ता भी थे। वे जब भाषण देते थे तो जन समुदाय पर असर होता था।
सदा ए अंसारी के सम्पादक अथर हुसैन ने कहा कि ज़ियाउर रहमान अन्सारी ने शाहबानो केस के निर्णय के बाद न केवल प्रभावी रूप से सरकार और देश के सामने शरियत का पक्ष रखा बल्कि उच्चतम न्यायलय के निर्णय को पलटवाने मे भी सफल रहे।
समाजसेवी निकहत परवींन ने कहा कि स्वर्गीय ज़ियाउर रहमान अन्सारी साहेब के जीवन एवं आर्दशों का एक महत्वूपर्ण पहलू यह है कि वे न केवल स्वातन्त्रता संग्राम सेनानी थे बल्कि देश की धर्म-निरपेक्ष छवि और सांझी संस्कृति के भी प्रतीक थे। बैठक के बाद मीडिया सेन्टर अलीगढ़ पर दो मिनट का मौन रखकर स्व० ज़ियाउर रहमान अन्सारी की आत्मा की शान्ति के लिए दुआ की गई।