‘पद्मावत’ के लास्ट सीन को बैन करने की याचिका को SC ने किया खारिज

नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने आज ‘पद्मावत’ फिल्म से संबंधित एक याचिका की सुनवाई करने से इनकार कर दिया। बताया जाता है कि स्वामी अग्निवेश नाम के याचिकाकर्ता ने फिल्म पद्मावत के आखिरी सीन पर प्रतिबंध लगाए जाने की कोर्ट से याचिका की थी। याचिकाकर्ता ने यह कहा था कि इस सीन से सती प्रथा को बढ़ावा मिलने का डर है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आपको लगता है कि कोई महिला महज फिल्म देखकर खुद को सती कर लेगी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि इन सालों में महिला सशक्तीकरण काफी आगे बढ़ चुका है। जब याचिकाकर्ता ने इसके बुरे प्रभाव की दलील जारी रखी तो कोर्ट ने कहा कि आपने देवदास फ़िल्म देखी है वो उपन्यास 1934 मे लिखा गया था उसके बाद उस पर कई फ़िल्में बनी। क्या कोई प्रेमी फ़िल्म देख कर शराबी हुआ? इसके साथ ही कोर्ट ने याचिका ख़ारिज कर दी।
पद्मावत फिल्म का सारा विवाद रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के प्रसंगों को लेकर है। राजस्थान की करणी सेना समेत कुछ संगठनों ने आरोप लगाया है कि संजय लीला भंसाली अलाुद्दीन खिलजी और रानी पद्मावती के प्रेम प्रसंगों को फिल्म में दिखाकर राजपूत समुदाय का अपमान कर रहे थे। फिल्म की शूटिंग के दौरान भी करणी सेना ने संजय लीला भंसाली पर हमला कर दिया था और मार पिटाई भी की।
इसके बाद जब फिल्म का ट्रेलर सामने आया तो करणी सेना फिर से सक्रिय हो गई, जगह-जगह विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ की। इतना ही नहीं करणी सेना के साथ साथ इस फिल्म पर नेताओं ने भी राजनीतिक रोटी सेंकी। थोड़े दिनों के लिए मामला जैसे-तैसे शांत हुआ तो गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव के दौरान पद्मावती का जिन्न फिर से बाहर निकल आया। ये सब देखते हुए फिल्म का नाम पद्मावती से बदल कर पद्मावत कर दिया गया था साथ ही फिल्म की रिलीज डेट भी दिसंबर से बढ़ाकर 25 जनवरी कर दी गई थी।