बेबाक, निष्पक्ष, निर्भीक
October 15, 2024
उत्तर प्रदेश उत्तर प्रदेश ब्रेकिंग न्यूज़ राष्ट्रीय

इत्र कारोबारी पीयूष: कोर्ट में पीयूष जैन का कुबूलनामा, बताया आखिर किसकी है बरामद हुई अकूत दौलत

  • December 27, 2021
  • 1 min read
इत्र कारोबारी पीयूष: कोर्ट में पीयूष जैन का कुबूलनामा, बताया आखिर किसकी है बरामद हुई अकूत दौलत

कानपुर। इत्र कारोबारी पीयूष जैन को सोमवार रिमांड मजिस्ट्रेट ने चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। दस जनवरी तक उसका न्यायिक रिमांड स्वीकृत किया गया है। इससे पहले कोर्ट में अभियोजन अधिकारी और बचाव पक्ष के बीच लंबी बहस चली। अभियोजन अधिकारी ने बरामदगी संबंधी जानकारी न्यायालय को दी और न्यायिक रिमांड मांगा वहीं बचाव पक्ष ने गिरफ्तारी को गलत बताते हुए रिमांड को निरस्त करने की अर्जी दी थी जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।

इत्र कारोबारी पीयूष जैन को सोमवार जीएसटी इंटेलीजेंस अहमदाबाद की टीम ने शाम करीब चार बजे रिमांड मजिस्ट्रेट योगिता कुमार के न्यायालय में पेश किया। जीएसटी अधिकारी उसे ही जैसे ही कोर्ट के अंदर ले गए, दरवाजे बंद कर लिए गए और बाहर सुरक्षा कर्मियों को बाहर तैनात कर दिया गया। जीएसटी की ओर से विशेष अभियोजन अधिकारी अंबरीश टंडन ने कोर्ट में समस्त दस्तावेज पेश किए। सभी नियमों का पालन करते हुए गिरफ्तारी करने की बात कहते हुए आरोपित का न्यायिक रिमांड मांगा। इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता सुधीर मालवीय की ओर से आपत्ति जतायी गई।

उन्होंने कहा मामला आर्थिक अपराध से जुड़ा हुआ है। जीएसटी इंटेलीजेंस ने गलत तरीके से गिरफ्तारी की है।इसमें सात वर्ष से अधिक की सजा नहीं है फिर भी उनके मुवक्किल को गिरफ्तार किया गया।इस आधार पर उन्होंने रिमांड निरस्त करने की अपील की ।दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद रिमांड मजिस्ट्रेट ने विशेष अभियोजन अधिकारी की बात से सहमति जताते हुए पीयूष जैन को चौदह दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।जबकि रिमांड निरस्त करने की बचाव पक्ष की अर्जी को खारिज कर दिया।

कोर्ट में बोला, मेरा है 177 करोड़ रुपया: जीएसटी इंटेलीजेंस ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन से 1,77,45,01,240 करोड़ रुपये की बरामदगी दिखायी है।कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों के मुताबिक जीएसटी इंटेलीजेंस को यह धनराशि पीयूष के बेडरूम और तीन कबर्ड से मिली है। जांच में पता चला कि पीयूष ने यह धनराशि पिछले तीन से चार साल में अवैध तरीके से कमायी है। बिना इनवायस जारी किए हुए व्यापार करके यह पैसा बनाया गया है। जीएसटी ने अवैध तरीके से कमायी गई उक्त धनराशि पर 31.50 करोड़ रुपये टैक्स लगाया है।

जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने कोर्ट को बताया कि पीयूष जैन ने स्वीकार किया है कि यह धनराशि उसी की है। टैक्स चोरी की बात उसने स्वीकार कर ली है। कोर्ट में पेशी के दौरान भी पीयूष की ओर से कर चोरी की बात स्वीकारते हुए बरामद रुपया खुद का बताया गया। उसकी ओर से 52 करोड़ रुपये टैक्स जमा करने की बात कहते हुए रिमांड निरस्त करने की मांग की गई लेकिन न्यायालय ने उसका तर्क नहीं माना।

जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम ने इत्र कारोबारी पीयूष जैन पर सीजीएसटी एक्ट 2017 की धारा 67, 130 और 132(1) (आई) के तहत कार्रवाई की है।

धारा 67 में जीएसटी अधिकारियों को निरीक्षण, तलाशी, अभिग्रहण और गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है
धारा 130 में बरामद माल को जब्त करने और जुर्माना लगाने का अधिकार है
धारा 132(1)(आइ) के तहत पीयूष जैन की गिरफ्तारी की गई ।इसके तहत किया गया अपराध संज्ञेय और अजमानतीय है