बिजनौर में लगे BSP सांसद मलूक नागर के ‘गुमशुदा के पोस्टर’, RLD+SP महागठबंधन से जीते थे चुनाव
अमरोहा | बसपा, रालोद व सपा गठबंधन से लोकसभा चुनाव में बिजनौर सीट पर पहली बार बसपा का परचम लहराने वाले सांसद मलूक नागर क्षेत्र से गायब हो गए हैं। जनता ने उनकी गुमशुदगी के पोस्टर लोकसभा क्षेत्र में कई जगह लगा दिए हैं। सांसद बनने के एक साल बाद भी मलूक नागर क्षेत्र में शायद ही किसी कार्यक्रम में शामिल हुए हैं। कोविड-19 के समय में भी उनकी ओर से प्रवासी मजदूरों या जरूरतमंदों की कोई मदद नहीं की गई है।
मलूक नागर साल 2014 में भी बसपा के टिकट पर बिजनौर सीट से लोकसभा चुनाव लड़े थे लेकिन हार गए थे। पिछले साल हुए चुनाव में वे बसपा, सपा व रालोद गठबंधन से बसपा के सिंबल पर करीब 70 हजार वोटों से चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे। लेकिन सांसद बनने के बाद उन्होंने जिले में आने में कोई खास रुचि नहीं दिखाई। जिले में कई महत्वपूर्ण मौकों पर केवल उनके प्रतिनिधि ही आए। सांसद के न आने पर क्षेत्र की जनता में रोष है। सोमवार को जब लोग सोकर उठे तो कई मोहल्लों में उसकी गुमशुदगी के पोस्टर लगे हुए थे। पोस्टर पर लिखा है गुमशुदा की तलाश, सांसद बिजनौर मलूक नागर। अगर यह मिल जाएं तो कृपया करके बिजनौर के लोगों को सूचित किया जाए। सांसद की गुमशुदगी के पोस्टर लगने के फोटो दिन भर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहे। बसपा के नेताओं में भी इस बात की कानाफूसी होती रही।
सांसद मलूक नागर का कहना है कि एक व्यक्ति उनसे कुछ गलत काम कराना चाहता था। उन्होंने साथ नहीं दिया। यह व्यक्ति लॉकडाउन खत्म होने का मौका देख रहा था। लॉकडाउन खत्म होते ही उक्त व्यक्ति ने उनकी छवि खराब करने के लिए गुमशुदा के पोस्टर लगाए हैं। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भी वह गरीब, मजदूरों की आवाज उठाते रहे हैं। सभी के संपर्क में रहे हैं। दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ की सीमाएं सील होने की वजह से वह बिजनौर नहीं आ सके। उन्होंने सरकार के निर्देशों का पालन किया। सांसद ने कहा कि उनकी छवि खराब करने के लिए ऐसा किया गया है। उनके समर्थकों ने उनके पक्ष में भी पोस्टर लगवाए हैं। ये लोग उनके कामकाज करने की शैली से खुश हैं।