उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कब्रिस्तान और श्मशान में भेदभाव को लेकर सवाल उठाए थे। मोदी की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ठान ली है कि कब्रिस्तान और श्मशान, दोनों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा। उप्र में योगी की सरकार बनने के बाद से ही एंटी भू माफिया टास्क फोर्स के गठन को लेकर कवायद शुरू हो गई थी। उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद को इस टॉस्क फोर्स की जिम्मेदारी मिली है। परिषद ने यह तय किया है कि सूबे के सभी कब्रिस्तानों एवं श्मशानों को भी अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा।
परिषद ने इसको लेकर काफी कठोर नियम बनाए हैं। परिषद ने तय किया है कि यदि ग्राम पंचायतों की जमीन पर अतिक्रमण होने पर सही समय पर जानकारी नहीं मिली तो इसकी पूरी जवाबदेही संबंधित क्षेत्र के लेखपाल की होगी और उसके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव लीना जौहरी ने एंटी भू माफिया टास्क फोर्स को लेकर सरकार की मंशा के अनुरूप ही राजस्व परिषद की तरफ से 8 मई को ही कड़े दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
लीना जौहरी की तरफ से उप्र के समस्त जिलाधिकारियों को जारी एक आदेश में कहा गया है कि सरकार का संकल्प है कि ग्राम पंचायत, सार्वजनिक भूमि से अतिक्रमण हटाकर दबंगों एवं भू माफियाओं के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए और दोषियों को सजा दिलाई जाए।
जौहरी ने अपने आदेश में कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि प्रभावशाली एवं दबंग व्यक्ति राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कर और अधिकारियों की मिली भगत से न केवल शासकीय भूमि, बल्कि धार्मिक संस्थानों एवं प्रतिष्ठानों, लावारिस संपत्तियों एवं गरीब व्यक्तियों की जमीनों पर अवैध कब्जा कर लिया जाता है। ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ लोग विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाते हैं।
आदेश में कहा गया है कि शासन की तरफ से एक मई 2017 को एंटी भू माफिया टॉस्क फोर्स गठित किए जाने व शासकीय एवं निजी भूमि पर काबिज भू माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश के बाद राजस्व परिषद ने यह तय किया है कि समस्त ग्राम सभाओं में सार्वजनिक उपयोग की भूमि, कुआं, तालाब, पोखर एवं चरागाह एवं कब्रिस्तान तथा श्मशान पर से अवैध कब्जे को तुरंत हटाया जाए।
परिषद की ओर से जारी आदेश में यह भी तय किया गया है कि अतिक्रमण हटाने के साथ-साथ अतिक्रमण हटाने संबंधी समस्त विधिक प्रक्रियाओं का पालन करते हुए ऐसी व्यवस्था की जाए कि उसमें त्रुटि न रहे और दोबारा अतिक्रमण की संभावना न्यूनतम हो जाए।
आदेश में कहा गया है कि फिर से अतिक्रमण किए जाने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, ताकि फिर कोई दोबारा इस तरह का कदम उठाने का प्रयास न करे।
राजस्व परिषद की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यदि ग्राम पंचायत की भूमि पर अतिक्रमण की सूचना ग्राम पंचायत के सदस्य सचिव (लेखपाल) की ओर से समय पर नहीं दी जाती है और अतिक्रमण हटाने के लिए प्रभावी कार्रवाई नहीं की जाती है तो यह उसके कर्तव्य पालन में शिथिलता मानी जाएगी और इसके लिए उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।