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यूपी चुनाव: आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट सपा को मिलने की चर्चा से कई दावेदार मायूस

  • January 13, 2022
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यूपी चुनाव: आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट सपा को मिलने की चर्चा से कई दावेदार मायूस

आजमगढ़। विधानसभा चुनाव 2022 में आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट काफी महत्वपूर्ण है। सपा की तरफ से इस सीट पर कई दिग्गज अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव व प्रसपा प्रमुख के बीच बुधवार को हुई बैठक में आजमगढ़ की मुबारकपुर विधानसभा सीट प्रसपा के खाते में जाने की चर्चा से कई दावेदार मायूस हो गए हैं। विधानसभा चुनाव 2022 में मुबारकपुर सीट काफी महत्वपूर्ण है। सपा की तरफ से इस सीट पर कई दिग्गज अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं।

जिसमें सबसे पहला नाम पूर्व मंत्री चंद्रदेव राम यादव करैली और पूर्व सपा जिलाध्यक्ष अखिलेश यादव का है। इसके बाद तीसरा नाम शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का भी आ रहा है। हाल ही में उन्होंने बसपा छोड़ी थी लेकिन अभी उन्होंने सपा का दामन नहीं है। उनके सपा में जाने और मुबारकपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की संभावना जताई जा रही थी। वहीं प्रसपा से सपा का गठबंधन होने पर रामदर्शन यादव भी इस सीट के लिए अपनी दावेदारी जता रहे हैं। बुधवार को सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच हुई बैठक में यह सीट प्रसपा को मिलने की चर्चा जोरों पर है। हालांकि अभी पार्टी की ओर से कोई घोषणा नहीं की गई है।

विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के साथ ही आजमगढ़ जिला प्रशासन पूरी तरह सक्रिय हो गया है। सातवें चरण में मतदान होने की वजह से प्रशासन का पूरा जोर अभी आदर्श आचार संहिता का पालन कराने के साथ जिले का ही मतदान प्रतिशत बढ़ाना है। इसके लिए प्रशासन सभी मतदाताओं तक पर्ची पहुंचाने के साथ ही डोर-टू-डोर जागरूक भी करेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी व डीएम अमृत त्रिपाठी की पहल पर प्रशासन वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के प्रयास में जुटा हुआ है। साथ ही कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने को भी प्रशासन कटिबद्घ नजर आ रहा है। इस बार मतदान शुरू होने के 20 दिन पहले ही सभी मतदाताओं के घर मतदाता पर्ची पहुंचा दी जाए।

इसमें बीएलओ समेत पंचायत स्तर के कर्मचारियों, आंगनबाड़ियों आदि का सहयोग लिया जाएगा। लापरवाही न हो इसलिए नियमित मॉनीटरिंग की जाएगी। वितरण कार्य में लापरवाही मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। इसी तरह जिले में सक्रिय महिला की मदद मतदाताओं को जागरूक करने में ली जाएगी। समूह के सदस्य अपनी पंचायतों व आस-पास की पंचायतों में घर-घर जाकर जाकर लोगों को वोटिंग की अहमियत बताने के साथ मतदान के लिए जागरूक भी करेंगे। इसी तरह हर गांव में तैनात निगरानी समिति और स्वच्छताग्राही भी जागरूकता अभियान चलाएंगे।

विधानसभा चुनाव 2017 में अगर विधानसभावार मतदान का प्रतिशत देखें तो यह 56 प्रतिशत था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रशासन ने मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए जोर लगाया तो मतदान में 12 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई और यह 56.12 प्रतिशत हो गया। इस बार प्रशासन का जोर लोकसभा चुनाव से अधिक मतदान का होगा।