AMU में फर्जीवाड़ा : CBI जांच में AFO की नियुक्ति मिली फर्जी, आनन फानन में निलंबित, कई रडार पर
अलीगढ़ । सीबीआई जांच में एएमयू के असिस्टेंट फाइनेंस ऑफिसर शकीब अर्सलान की नियुक्ति फर्जी पायी गई है। रिपोर्ट आने पर विवि इंतजामिया ने एएफओ को निलंबित कर दिया है। अभी कई और पर फर्जीवाड़े की आंच आना बाकी है । कार्यवाही से अमुवि में खलबली मची हुई है । एएमयू के कुलसचिव अब्दुल हामिद के अनुसार प्रकरण की जांच भी बैठाई गई है। नियुक्तियों में अनियमितताओं के मामले में वर्ष 2002 से 2007 तक एएमयू के कुलपति रहे नसीम अहमद के खिलाफ सीबीआई जांच चली। इस मामले में सीबीआई ने पिछले दिनों एफआईआर दर्ज की, जिसमें अहमद के साथ एएमयू में कार्यरत असिस्टेंट फाइनेंस ऑफिसर शकीब अर्सलान समेत अन्य नाम शामिल किए। आरोप है कि एएफओ की भर्ती के लिए 22 लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से नौ लोगों को इस पद के लिए योग्य पाया गया, लेकिन इसमें शाकेब का नाम नहीं था। बाद में शाकेब ने अपील की कि उनकी सीए की डिग्री को नजरअंदाज किया गया है। इंतजामिया ने अर्सलान की अपील को स्वीकार करते हुए उनके नाम को शामिल करने की संस्तुति कर दी, जबकि सीए की डिग्री वाले अन्य उम्मीदवार को बाहर कर दिया गया।
अर्सलान पर आरोप है कि उन्होंने इंतजामिया के सामने झूठा दावा किया कि उन्हें सीए में 55 फीसदी अंक प्राप्त हुए हैं। प्रकरण को लेकर सीबीआई की टीम ने कई बार एएमयू पहुंचकर मामले की जांच की। जांच पूरी होने के बाद एएफओ की नियुक्ति को फर्जी पाया गया। जांच रिपोर्ट सीबीआई की ओर से एएमयू को मिली तो इंतजामिया ने अर्सलान को निलंबित कर दिया। साथ ही प्रकरण की अपने स्तर से भी जांच बैठा दी।
अमुवि के पीआरओ सेल के प्रभारी सदस्य प्रो शाफे किदवई ने कहा है कि विश्वविद्यालय के असिस्टेंट फाइनेंस ऑफिसर शाकेब अर्सलान की नियुक्ति 2005 में की गई थी। उनकी नियुक्ति को लेकर सीबीआई जांच कर रही थी। जिसके चलते सीबीआई की टीम कई बार विश्वविद्यालय आकर पड़ताल कर चुकी थी। जांच में नियुक्ति फर्जी पायी गई है, जिसके आधार पर उन्हें निलंबित किया गया है।