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साहित्य

आज ही के दिन 30 अप्रैल को तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने की थी आत्महत्या

  • April 30, 2017
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जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर ने आज ही के दिन यानि 30 अप्रैल को ही खुदकुशी की थी। प्रथम विश्वयुद्ध के विजेता राष्ट्रों की संकुचित नीति के कारण ही स्वाभिमनी जर्मन राष्ट्र को हिटलर के नेतृत्व में आक्रामक नीति अपनानी पड़ी और तभी विश्‍व ने हिटलर को तानाशाह घोषित कर दिया। ऐतिहासिक घटनाक्रम में जाऐं तो हिटलर के अभ्युदय का महत्वपूर्ण कारण स्वय उनका प्रभावशाली एवं आकर्षक व्यक्तित्व था वे उच्च कोटी के वक्ता थे। वे भाषण की कला में निपुण थे। उनकी वाणी जादू का काम करती थी और जनता का दिल जीत लेती थी। आधुनिक युग में प्रचार का काफी महत्व है।
प्रचार वह शक्ति है जो झुठ को सच और सच को झुठ बना सकती है। संयोगवश हिटलर को एक महान प्रचारक मिल गया था। जिसका नाम था गोबुल्स, उनका सिद्धांत था कि झूठ बातों को इतना दुहराओ कि वह सत्य बन जाए। इस तरह उनकी सहायता से जनता का दिल जितना हिटलर के लिए आसान हो गया। इस तरह हम देखते है कि हिटलर और उनकी पार्टी के अभ्युदय के अनेक कारण थे। जिनमें हिटलर का व्यक्तित्व एक महत्वपूर्ण कारण था और अपने व्यक्तित्व का उपयोग कर उन्होंने वर्साय संधि की त्रुटियों से जनता को अवगत कराया उन्हें अपना समर्थक बना लिया। यह ठीक है कि युद्धोतर जर्मन आर्थिक दृष्टि से बिल्कुल पंगु हो गया था वहाँ बेकारी और भुखमरी आ गई थी परन्तु हिटलर एक दूरदर्शी राजनितिज्ञ था। और उसने परिस्थिति से लाभ उठाकर राजसत्ता पर अधिपत्य कायम कर लिया।
विकीपीडिया से साभार-
एडोल्फ हिटलर (२० अप्रैल १८८९ – ३० अप्रैल १९४५) एक प्रसिद्ध जर्मन राजनेता एवं तानाशाह थे। वे “राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी” (NSDAP) के नेता थे। इस पार्टी को प्राय: “नाजी पार्टी” के नाम से जाना जाता है। सन् १९३३ से सन् १९४५ तक वह जर्मनी का शासक रहे। हिटलर को द्वितीय विश्वयुद्ध के लिये सर्वाधिक जिम्मेदार माना जाता है।