धर्म की राजनीति जीतती है तो जाति की सियासत हार जाती है…
कांगेस के सफाये के बाद यूपी की सियासत दो पहलुओं में सिमट गयी। एक धर्म और एक जाति। जब धर्म की राजनीति जीतती है तो जाति की सियासत हार जाती है, और जब जाति की सियासत ऊफान पर होती है तो धर्म की नफरते ठंडी पड़ जाती हैं।
आरोप लगते हैं कि यूपी में हिन्दू- मुसलमान की दूरियां पैदा करके भाजपा जातियों की दूरियां मिटा कर सत्ता की सफलता हासिल करती है।
लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। यूपी के नतीजे निर्णायक होंगे। सपा-बसपा गठबंधन के बाद जातिवाद एकबार फिर सिर उठा रहा है। धार्मिक नफरतों ठंडी पड़ गयी हैं। इस ठंडी में जातिगत दूरियों को मिटाने का एक मंजर देखिये।
लेकिन कितनी कठिन है ये कोशिश। ये बात मैं नहीं कह रहा। यूपी के दो उप मुख्यमंत्रियों के फेस एक्सप्रेशन और बाॅडी लेंग्वेज जाहिर कर रही है।
-लेखक नवेद शिकोह यूपी के वरिष्ठ पत्रकार हैं और अपनी बेबाकी के लिए जाने जाते हैं । यह उनके निजी विचार हैं ।