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November 21, 2024
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पश्चिम बंगाल में बड़ा फेर बदल ममता बनर्जी कर सकती हैं मंत्रिपरिषद का विस्तार

  • November 9, 2021
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पश्चिम बंगाल में बड़ा फेर बदल ममता बनर्जी कर सकती हैं मंत्रिपरिषद का विस्तार

कोलकाता। सरकार के एक शीर्ष सूत्र के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आज अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार कर सकती हैं। ममता बनर्जी वित्त विभाग अपने पास रखेंगी और चंद्रिमा भट्टाचार्य को उस विभाग में राज्य मंत्री जबकि उदयन गुहा को उत्तर बंगाल विकास मंत्री बना सकती हैं।

पूर्व वित्त मंत्री डॉ अमित मित्रा को सलाहकार बनाया जा सकता है। मित्रा ने अपने खराब स्वास्थ्य के कारण मंत्री के रूप में बने रहने में असमर्थता व्यक्त की थी। सूत्र ने बताया कि पिछले सप्ताह सुब्रत मुखर्जी के आकस्मिक निधन के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता और कृषि मंत्री शोभनदेब चट्टोपाध्याय को पंचायत विभाग का प्रभार दिया जा सकता है। उत्तर बंगाल के दिनहाटा सीट पर हाल ही में हुए उपचुनाव में 1.64 लाख के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल करने वाले उदयन गुहा को मंत्री बनाए जाने की काफी संभावना है।

सूत्र ने कहा, “उदयन गुहा को उत्तर बंगाल विकास मंत्री बनाया जा सकता है। गौतम देब की विधानसभा चुनाव में हार के बाद इस विभाग की देखरेख फिलहाल मुख्यमंत्री खुद कर रही हैं। 30 अक्तूबर को हुए उपचुनाव में शांतिपुर सीट से पहली बार विधायक बने ब्रजा किशोर गोस्वामी को भी मंत्री बनाए जाने की संभावना है। एक अधिकारी के मुताबिक, परिवहन एवं आवास मंत्री फिरहाद हकीम और वन मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक को दो अन्य विभागों का अतिरिक्त प्रभार दिया जा सकता है।

भाजपा नेता निसिथ प्रमाणिक, जो अब केंद्रीय मंत्री बन गए हैं, ने इस साल की शुरुआत में हुए चुनाव में दिनहाटा सीट से गुहा को महज 57 वोटों के मामूली अंतर से हराकर विधानसभा चुनाव जीता था। हालांकि, उन्होंने लोकसभा में अपनी सदस्यता बनाए रखने के लिए विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद यहां उपचुनाव हुआ और जब टीएमसी ने शानदार जीत हासिल की।

हो सकता है कि दोनों मंत्रियों में से किसी एक को उपभोक्ता मामलों, या स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार विभाग का प्रभार मिले, जो पहले साधना पांडे के पास था। फिलहाल साधना पांडे का मुंबई के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। ममता बनर्जी वर्तमान में उपभोक्ता मामलों, स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार विभागों का प्रभार संभाल रही हैं, जबकि पांडे बिना पोर्टफोलियो के कैबिनेट मंत्री बनी हुई हैं।