UP अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन का विवादित बयान, कहा- ‘कुरान पढ़कर अच्छा इंसान बन सकते हैं, IAS-IPS नहीं’
मेरठ | उत्तर प्रदेश राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी का विवादास्पद बयान सामने आया है। बुधवार को मेरठ दौरे पर आए सैफी ने कहा कि कुरान पढ़ने से आदमी अच्छा इंसान तो बन सकता है, लेकिन कोई आईएएस और आईपीएस नहीं बन सकता है। मगर डॉक्टर, इंजीनियर बनने के लिए विज्ञान, गणित, अंग्रेजी भी पढ़ना होगा। इसीलिए हम मदरसों को हाइटेक कर रहे हैं, वहां तकनीकी शिक्षा के साथ हर विषय की पढ़ाई कराई जा रही है।
मेरठ पहुंचने पर राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी का बिजली बम्बा चौकी पर मंडल मीडिया प्रभारी नासिर सैफी के नेतृत्व मे सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने बहुत जोरदार पुष्प वर्षा करते हुए पगड़ी पहनाकर स्वागत किया। सर्किट हाउस में चेयरमैन ने कहा कि उत्तर प्रदेश में संचालित मदरसों में कम बच्चों को ज्यादा दिखाकर सरकार से पैसे लेने का खेल चल रहा है। प्रदेश के मदरसों में तमाम गड़बड़ियां हो रही हैं। इनको अब रोका जाएगा। आयोग ने प्रदेश स्तरीय जांच समिति बना दी है, जो प्रदेश के सभी मदरसों की जांच करेगी। चेयरमैन ने कहा जिस मदरसे में घपला मिला उसकी मान्यता रद्द होगी और मुकदमा दर्ज होगा। प्रदेश में बहुत ज्यादा शिकायतें मदरसों की आ रही हैं। वक्फ बोर्ड की जमीनों पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जे हो रहे हैं। ऐसे लोगों पर भी नजर रखी जा रही है। न्याय सबको मिलेगा। मदरसों में वजीफे और शुल्क प्रतिपूर्ति के नाम पर तमाम घोटाले हुए हैं। उनकी परतें अब खुल रही हैं। इस दौरान आयोग के चेयरमैन को सैफी संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हसीन अहमद सैफी ने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की और परेशानियां बताईं।
आयोग के अध्यक्ष ने यह भी निर्देश दिए कि अल्पसंख्यक समुदाय के ऐसे बच्चे जिनके माता पिता की मृत्यु कोरोना के कारण हुई है ऐसे अनाथ बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलायें , अल्पसंख्यक मोहल्ले व मदरसों मे वैक्सीनेशन कैम्प के लिये भी निर्देशित किया। अशफाक सैफी ने कड़े ने शब्दों मे कहा कि वक्फ बोर्ड की जमीनों पर अवैध कब्जे कतई बर्दाश्त नही किये जायेगें एसे लोगो को चिन्हित करके कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
यूपी में जनसंख्या नियंत्रण बिल का राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन अशफाक सैफी ने स्वागत किया। कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं प्रदेश सरकार का सराहनीय और स्वागत योग्य कदम है। देश-प्रदेश और परिवारों के लिए यह अच्छा है। किसी परिवार में पांच-सात अथवा दस बच्चे होंगे तो उनकी न तो अच्छी तरह परविश हो पाएगी और न ही अच्छी तरह से शिक्षा-दीक्षा हो सकेगी। 50 गज के मकान में पांच से दस बच्चे कैसे रहेगे। एक परिवार में यह पांच बच्चे है तो एक बच्चे के हिस्से में दस गज जमीन और यदि दस बच्चे है तो पांच-पांच गज जमीन ही आएगी। जनसंख्या नियंत्रण कानून लाभकारी है। इसके लिए मुख्यंत्री को बधाई देते है।