कोरोना की तीसरी लहर: राज्यों में ओमिक्रॉन को लेकर सोनिया ने संभाली कमान, भाजपा की काट के लिए बनाया ये प्लान
नई दिल्ली। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी लोगों को ये भी बताएगी कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 12 जनवरी 2020 को ही कहा था कि कोरोना एक बड़े संकट के तौर पर आ रहा है, लेकिन तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जवाब दिया था कि राहुल देश को जबरन डरा रहे हैं। देश में बढ़ते ओमिक्रॉन संकट के बीच कांग्रेस शासित राज्यों की मॉनिटरिंग की कमान अब सीधे दस जनपथ ने संभाल ली है। कोविड की संभावित तीसरी लहर के दौरान कांग्रेस शासित राज्यों के मैनेजमेंट पर किसी तरह के सवाल न खड़े हों और केंद्र कांग्रेसी सरकारों को कटघरे में न खड़ा करे, इसके लिए कोविड के मुद्दे पर शीर्ष नेतृत्व सक्रिय हो गया है। इस बीच पार्टी ने मोदी सरकार को घेरने के लिए एक रणनीति भी तैयार की है।
इसी सिलसिले में रविवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को फोन किया। आलाकमान ने राज्यों के सीएम को निर्देश दिया कि ओमिक्रॉन संक्रमण को लेकर लापरवाही नहीं होनी चाहिए और किसी भी आपात स्थिति का प्रभावी ढंग से सामना करने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। आलाकमान ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे राज्य की जनता को बताएं कि उनकी पार्टी कोरोना संकट को लेकर ज़्यादा गंभीर और चिंतित है जबकि मोदी सरकार सिर्फ चुनावों में व्यस्त है और कोरोना काल के पिछले अनुभवों से सीख नहीं ले रही है। कांग्रेस की राजनीति को करीब से समझने वाले वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई ने अमर उजाला को बताया कि आज कांग्रेस पार्टी की तीन राज्यों में सरकार है, अन्य राज्यों में वह विपक्ष की भूमिका में है। फिर भी वह जन स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर बेहद गंभीर और सतर्क रहती है। इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस शासित राज्यों की स्थिति का जायजा लेना शुरु कर दिया है।
इसमें कांग्रेस पार्टी पर एक तरह से बढ़त भी बनाना चाहती है कि वे जन स्वास्थ्य के मुद्दों को लेकर ज्यादा संवेदनशील है तभी उनकी पार्टी की मुखिया भी इसे खुद अपने स्तर से मॉनिटरिंग कर रही हैं। कोरोना के मसले पर सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस पार्टी एक खास रणनीति तैयार कर रही है। इसमें वो मोदी सरकार पर कोरोना संकट से निपटने में दूरदर्शिता की कमी का आरोप अपने तथ्यों के साथ जनता के बीच लाएगी। पार्टी आम लोगों को बताएगी कि मोदी सरकार ने कोरोना को सही तरीके से हैंडल नहीं किया और समय रहते उचित कदम नहीं उठाए। इसकी वजह से कोरोना संक्रमण फिर से तेजी से फैल रहा है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी लोगों को ये भी बताएगी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 12 जनवरी 2020 को ही कहा था कि कोरोना एक बड़े संकट के तौर पर आ रहा है, लेकिन तब तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जवाब दिया था कि राहुल देश को जबरन डरा रहे हैं।
वहीं, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पहले ही सरकार को चेताया था कि कोरोना संकट आर्थिक सूनामी लेकर आएगा तब भी सरकार के मंत्रियों ने इसका मज़ाक उड़ाया और इसे गंभीरता से नहीं लिया था। जिन डॉक्टरों और सफाईकर्मियों को कोरोना वॉरियर्स बताकर ताली थाली बजवाई, वही अपने हितों पर कुठाराघात बता कर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। कांग्रेस आम जनता को बताएगी कि कोरोना संकट का बहाना बताकर अर्थव्यवस्था में कमजोरी और बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार अपनी विफलता छिपाना चाह रही है, जबकि आंकड़े बताते हैं कि 2018 में ही बेरोजगारी 45 सालों में सबसे ऊपर थी और अर्थव्यवस्था 2017 से ही चरमराने लगी है। पेट्रोल-डीजल से लेकर महंगाई अपने चरम पर है लेकिन मोदी सरकार जनता को राहत देने के लिए कुछ कर नहीं पा रही। उल्टे नए साल पर तमाम जरूरी चीजों पर जीएसटी बढ़ाकर सरकार ने जनता को चोट दे दी है। कांग्रेस ने अपने इन आरोपों को जनता के बीच पहुंचाने के लिए इससे जुड़े बयान, वीडियो और पर्चे बनाने की मुहिम भी शुरु कर दी है। कुछ दिनों पहले ही खुद राहुल गांधी ने भी इसी से जुड़ा वीडियो नए साल पर ट्वीट भी किया है।