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हेलीकाप्टर क्रैश: तमिलनाडु हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच हुई पूरी, जानिए क्यों हादसे का शिकार हुआ चॉपर?

  • January 5, 2022
  • 1 min read
हेलीकाप्टर क्रैश: तमिलनाडु हेलीकॉप्टर क्रैश की जांच हुई पूरी, जानिए क्यों हादसे का शिकार हुआ चॉपर?

नई दिल्ली। देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर 8 दिसंबर 2021 को क्रैश कैसे हुआ था? इस सवाल का जवाब सेना की जांच रिपोर्ट में मिल गया है। आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी जांच के नतीजों से अवगत करा दिया गया। भारतीय वायुसेना ने तीनों सेनाओं की जांच में निकले निष्कर्ष के बारे में 45 मिनट के प्रजेंटेशन में जानकारी दी। आधिकारिक रूप से जांच रिपोर्ट के बारे में अभी नहीं बताया गया है लेकिन मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि खराब मौसम के कारण उस दिन हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था।

8 दिसंबर को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत और 13 अन्य की मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि जांच रिपोर्ट में खराब मौसम को चॉपर क्रैश की सबसे बड़ी वजह माना गया है। जांच टीम के मुताबिक एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर के पायलट उस दिन विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान थे और क्रैश से ठीक 8 मिनट पहले उन्होंने कहा था कि वह हेलिकॉप्टर को लैंड करा रहे हैं। वह हेलिकॉप्टर को काफी नीचे उड़ा रहे थे। जमीन से करीब 500-600 मीटर की ऊंचाई पर उस दिन हेलिकॉप्टर के चारों ओर बादलों की मोटी परत थी और इससे दृश्यता कम हो गई थी।

रिपोर्ट के मुताबिक विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान रेलवे लाइन को फॉलो करते हुए हेलिकॉप्टर को उड़ा रहे थे और उन्हें वेलिंग्टन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में उतरना था, जहां जनरल रावत को लेक्चर देना था। आखिरी कम्युनिकेशन क्रैश से 8 मिनट पहले रिकॉर्ड किया गया था। मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि जांच रिपोर्ट में किसी तरह की गड़बड़ी या नुकसान की आशंका सिरे से खारिज कर दी गई है।

सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायुसेना की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को 45 मिनट तक सीडीएस के चॉपर क्रैश की जांच रिपोर्ट को लेकर प्रजेंटेशन दिया गया। तीनों सेनाओं की जांच रिपोर्ट ने क्रैश की वजह सामने रखने के साथ ही भविष्य में वीआईपी के साथ उड़ने वाले चॉपर को लेकर कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। जांच टीम ने सेना के वरिष्ठ अफसरों को ले जाने वाले चॉपर को लेकर एसओपी में बदलाव की भी सिफारिश की है। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि उस दिन Mi-17V5 हेलिकॉप्टर पहाड़ी पर एक रेलवे ट्रैक के रास्ते पर उड़ रहा था और अचानक घने बादलों में घिरकर क्रैश हो गया।

एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह ने इस हादसे की ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ का नेतृत्व किया है। तमिलनाडु में कुन्नूर के पास हुई इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले 14 लोगों में जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका, उनके रक्षा सलाहकार ब्रिगेडियर एल एस लिद्दर, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के स्टाफ ऑफिसर लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह शामिल थे।

ऐसा बताया जा रहा है कि पुलिस दल ने मानवीय त्रुटि या हेलिकॉप्टर के उतरने की तैयारी करते समय चालक दल के सदस्य के ध्यान भटकने की संभावना समेत दुर्घटना के सभी संभावित पहलुओं की समीक्षा की है। एयर मार्शल सिंह को हवाई दुर्घटना के मामलों की जांच करने वाले देश के सर्वश्रेष्ठ जांचकर्ताओं में से एक जाना जाता है। वह वर्तमान में भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कमान का नेतृत्व कर रहे है, जिसका मुख्यालय बेंगलुरू में हैं।