जयंत के नेतृत्व में 12 को मेरठ कमिश्नरी घेरेंगे किसान, जानिए क्या है ‘कॉम्पैक्ट कैन एरिया’ नीति
लखनऊ । किसानों और नौजवानों को विकास और तरक्की के सपने दिखाकर आई भाजपा अब किसानों के खिलाफ ही नीति बनाने में जुट गई है । कॉम्पैक्ट कैन एरिया नीति के जरिये अब किसानों को मिलो का मोहताज बनाने की तैयारी की गई है । जिसका राष्ट्रीय लोकदल के बैनर तले किसान पूरे प्रदेश में जोरदार विरोध कर रहे हैं । रालोद युवराज जयंत चौधरी के नेतृत्व में किसानो ने 12 अक्टूबर को मेरठ कमिश्नरी घेरने का एलान किया है । किसानों के मुद्दे पर लिखने वाले किसान नेता सुधीर भारतीय ने ‘कॉम्पैक्ट कैन एरिया नीति’ को समझाते हुए लिखा है कि-
कृषि उपज का लागत से डेढ़ गुना मूल्य और प्रदेश के किसानों का समस्त कर्ज माफ करने जैसे जुमलो के साथ सत्ता में आई भाजपा सरकार किसानों पर एक के बाद एक प्रहार करने पर लगी हुई है । ये सरकार किसान हित मे न होकर पूंजीपतियों के पोषण में खड़ी दिखाई देती है ।इसी क्रम में अब पहले से ही मिल मालिकों के शोषण के शिकार गन्ना किसान नई “कॉम्पैक्ट केन एरिया” नीति के बाद मनचाहा मिल को गन्ना देने का अपना अधिकार भी खोने जा रहे है।जैसा कि आप सभी जानते है कि मिल से दूर क्षेत्र में स्थित किसान गन्ना सेंटर के माध्यम से गन्ना सप्लाई करते है,जहाँ पर तौल क्लर्क,ट्रांसपोर्ट माफिया,प्रभावशाली किसानों और मिल प्रबंधन की जुगलबंदीे में अनेको बार किसान पिसता रहता है और इससे बचने को या यों कहें कुछ राहत पाने को एवम गॉव में गन्ना किसान अधिक होने की स्थिति में किसान के पास दूसरी मनचाही मिल का सेंटर लगवाने के और एक ही गॉव में एक से अधिक मिलो के सेंटर लगवाने के विशेष परिस्थतियो में अधिकार प्राप्त था । जिसमे किसान मिल के एकाधिकार को चुनौती दे पाता था।लेकिन प्रदेश सरकार की नई नीति के बाद किसान जिस मिल के रिज़र्व केन एरिया में रहेगा उसी जोन के मिल पर गन्ना डाल सकेगा अर्थात अब किसान उस मिल के रहमोकरम पर आश्रित होगा कि कब तौल लगाए,कब उठाये ,कब भुगतान करे और चाहे आगामी फसल के लिए खेत खाली हो या न हो !किसान के लिए मिल के खिलाफ अपील की कोई संभावना नही छोड़ी है।
रालोद कार्यकर्ताओं ने किसानों को चौ चरण सिंह दिलाये याद –
राष्ट्रीय लोकदल गन्ना किसानों को लेकर बनाई गई किसान विरोधी नीति के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। मुजफ्फरनगर के रालोद के नेता सुधीर भारतीय लिखते हैं –
“मत भूलो किसानों , तुम्हारे मसीहा स्वर्गीय चौधरी चरणसिंह जी ने जिस जमींदारी आतंक से १९५२ मे मुक्ति दिलाई थी और चौधरी अजित सिंह जी ने गन्ना मिल लगाने की दूरी घटा और नए लाइसेंस जारी कर आपको मिल मालिकों के शोषण से मुक्त कराने का जो भागीरथ प्रयास किया था। मोदी-योगी की जोड़ी उस भावना को तबाह कर आपको पुनः इन सरमायेदारो के रहमो-करम का मुहताज बना देगी । इसलिए उठ खड़े होकर इन आसुरी किसान विरोधी शक्तियों से दो-दो हाथ करने को तैयार हो जाओ।
आने वाली 12 तारीख को मेरठ कमिश्नरी का घेराव करने किसानों के संघर्ष के अगुआ माननीय जयंत चौधरी के नेतृत्व में पहुँचकर सरकार को किसान की ताकत का एहसास कराये”
रालोद का 12 अक्टूबर को मेरठ में होने वाला धरना किसानों के मुद्दे को यूपी में गर्माने जा रहा है ।