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September 8, 2024
धर्म समाचार

Dhanteras 2019: धनतेरस के लिए जगमगाए बाजार, जानें खरीदारी का मूहूर्त

  • October 19, 2019
  • 1 min read
Dhanteras 2019: धनतेरस के लिए जगमगाए बाजार, जानें खरीदारी का मूहूर्त

दीपावली का पावन पर्व अगले सप्ताह धनतेरस के साथ शुरू हो रहा है। धनतेर से दिपावली पर्व की शुरुआत मानी जाती है। यह कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है जो कि इस साल 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन खरीदकर अपने घर नया सामान (सोना, चांदी और बर्तन) लाने से पूरे साल मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। यही कारण है कि धनतेरस के मौके पर अचानक बाजारो में चहल-पहल बढ़ जाती है। धनतेरस के मौके पर सोने की खरीददारी का विशेष प्रचलन होने सोने व चांदी के दामों में भी खासी तेजी देखने को मिलती है। इस बार पहले से ही सोने के दाम आसमान छू रहे हैं ऐसे में धनतेरस पर सोना और भी महंगा हो सकता है। {सोने का रेट आज 39,350.00 रुपए प्रति 10 ग्राम (दिल्ली में) है। वहीं चांदी 48 हजार रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है।}

धनतेरस के धार्मिक महत्व की बात करें तो इस दिन देवताओं के वैद्य भगवान धनवंतरि की पूजा करने का विधान है। चिकित्सा से जुड़े लोग खासकर वैद्य व डॉक्टर आज के दिन पूरी श्रृद्धा के साथ भगवान धनवंतरि की पूजा करते हैं। भगवान धनवंतरि को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन में धनतेरस के दिन ही भगवान धनवंतरि प्रगट हुए थे। यानी धनतेरस को उनका जन्म हुआ था। यही कारण है कि आज के दिन धनवंतरि पूजा होती है। इस दिन गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां भी खरीदी जाती हैं जिससे कि दीपावली में उनकी पूजा हो सके। धनतेरस की शाम को यमराज के नाम दिए भी जलाए जाते हैं।

त्रयोदशी तिथि-
25 अक्टूबर 2019 शाम साढ़े चार बजे से 26 अक्टूबर को दोपहर बाद दो बजे तक है। ऐसे में आज धनतेरस के दिन आप शाम साढ़े चार बजे से रात तक खरीददारी कर सकते हैं।

धनतेरस पर बर्तन के बाजारों में रौनक बढ़ी
धनतेरस को लेकर सोमवार से बर्तनों के बाजार में रौनक है। धनतेरस 25 अक्टूबर को है। इस कारण अभी से ही सुदुर गांव के लोग बर्तनों की खरीदारी करने पहुंच रहे हैं। बिहार के पूर्णिया में अभी से ही छठ पूजा के लिए पीतल के सूप आदि की खरीदारी कर रहे हैं। अभी से ही दुकानों में भीड़ उमड़ी रही। इसको लेकर शहर में मधुबनी, विकास बाजार, बहुमंजिला मार्केट, भट्ठा झंडा चौक स्थित दर्जनों बर्तनों की सभी दुकानें सज चुकी हैं। इन दुकानों पर भीड़ अभी से उमड़ रही है। धनतेरस के ही दिन भगवान धनवंतरी का जन्म हुआ था। हिन्दू पौराणिक कथा के अनुसार धनतेरस के दिन कुछ न कुछ इंसान को अवश्य खरीदना चाहिए। इससे ईश्वर की कृपा बनी रहती है और उस व्यक्ति को धन की कोई कमीं नहीं रहती है। इसलिए यह परंपरा सैकड़ों सालों से चली आ रही है।

बर्तन दुकानदार सोनू कुमार ने बताया कि इस बार धनतेरस में बिक्री अच्छी होने की संभावना है। हालांकि उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा भीड़ धनतेरस को लेकर दो दिन पहले से ही वृहत पैमाने पर होने लगती है। उस दिन भीड़ इतनी हो जाती है कि दुकानेां में ग्राहकों के लिए जगह कम पड़ जाता है। दुकानदार सुरेश ने बताया कि स्टील के बर्तनों के साथ चम्मचों की सबसे अधिक बिक्री होती है। तांबे, पीतल जैसी धातुओं के बर्तन भी बिकते हैं। दीपावली के लिए पूजा में प्रयुक्त होने वाली कई बर्तन अपने क्षमता के अनुसार लोग खरीदते हैं। जिसमें स्टील से लेकर पीतल, तांबे एवं अन्य धातुओं के साथ-साथ सोने एवं चादी के बर्तनों की भी खरीद की जाती है। इस अवसर पर बर्तन बाजार में दुकानदारों द्वारा अपने पुराने ग्राहकों को कुछ ऑफर या डिस्कांउट भी दिया जाता है।