
नई दिल्ली। महंगाई को दूर करने का वायदा करके आई मोदी सरकार में डीजल अब तक के सबसे महंगे दाम पर पहुँच गया है | अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल के दाम में जारी बढ़ोतरी से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहली बार Diesel के दाम 60 रुपये प्रति लीटर के पार पहुँच गये हैं। पेट्रोल भी एक बार फिर 70 रुपये प्रति लीटर के स्तर से ऊपर निकल चुका है। देश की सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अनुसार दिल्ली में शनिवार को डीजल के दाम 60 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गये। डीजल की कीमतों को वर्ष 2014 के उत्तराद्र्ध में सरकारी नियंत्रण से मुक्त किया गया था। उस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल की कीमतों में गिरावट का दौर था। उस समय सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर यह कह कर उत्पाद शुल्क बढ़ाया था कि जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें बढ़ेंगी तो शुल्क में वापस कमी भी की जा सकती है।
दिल्ली में रविवार को डीजल 60.31 रुपये प्रति लीटर पर रहा जबकि पेट्रोल 70.28 रुपये प्रति लीटर बिका। यह 03 अक्टूबर 2017 (70.88 रुपये प्रति लीटर) के बाद का पेट्रोल का भी उच्चतम स्तर है। उस समय मीडिया में इसके 70 रुपये के पार निकल जाने की खबरें आने पर दबाव में केंद्र सरकार ने पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क में दो-दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी।
लेकिन, दोनों पेट्रोलियम ईंधनों के दाम का बढऩा लगातार जारी है। मोदी सरकार के कार्यकाल में डीजल पर उत्पाद शुल्क 380 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाया गया है। इस दौरान यह 3.56 रुपये से बढक़र 17.33 रुपये प्रति लीटर हो गया है। पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 120 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के समय इस पर उत्पाद शुल्क 9.48 पैसे था जो फिलहाल 21.48 रुपये प्रति लीटर पर पहुँच चुका है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इस समय ब्रेंट क्रूड की कीमत 67 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर है। अचानक कीमतों में तेज गिरावट से पहले वर्ष 2014 में यह 115 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुँच चुका था। Diesel पर उत्पाद शुल्क 380 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ाया गया है
-एजेंसी