पाकिस्तान की टेंशन अब और नहीं बढ़ने देगा तालिबान
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काबुल। तालिबान अब खुलकर पाकिस्तान की टेंशन कम कर रहा है। पाकिस्तान और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बीच शांति समझौता करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले तालिबान ने चेतावनी देते हुए कहा है पाक सरकार से साथ वार्ता विफल होने पर वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ कार्रवाई करेगा। खामा प्रेस ने काबुल में पाकिस्तानी राजदूत मंसूर अहमद खान के हवाले से यह जानकारी दी है।
हवाला देते हुए खामा प्रेस ने बताया कि तालिबान ने वादा किया है कि टीटीपी या ऐसे समूहों को अफगान धरती पर आश्रय नहीं दिया जाएगा। उधर, हक्कानी नेटवर्क के प्रमुख सरजुदीन हक्कानी ने कथित तौर पर टीटीपी और पाकिस्तानी सरकार के बीच वार्ता में मध्यस्थता के बाद यह घोषणा की। बता दें कि पाकिस्तान शुरू से ही टीटीपी के खिलाफ कार्रवाई चाहता था, कई वजहों में से एक वजह यह भी है कि उसने तालिबान को अफगान में मदद की। अब तालिबान बदले में पाक की मदद करने में जुट गया है।
रिपोर्ट के अनुसार दोनों पक्षों ने कम से कम तीन आमने-सामने की बैठकें की हैं, जिनमें से एक काबुल में और अन्य दो खोस्त में आयोजित की गई थी। रिपोर्ट में अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान के हवाले से बताया गया है कि मैं पाकिस्तान और टीटीपी के बीच बातचीत की खबरों की न तो पुष्टि कर सकता हूं और न ही इनकार कर सकता हूं।
पाकिस्तान सरकार और स्थानीय तालिबान आतंकवादियों (टीटीपी) ने पूर्ण युद्धविराम पर सहमति व्यक्त की है। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने सोमवार को कहा कि बातचीत के बाद अफगानिस्तान में तालिबान सरकार ने व्यवस्था करने में मदद की। पाकिस्तानी तालिबान का लक्ष्य सरकार को उखाड़ फेंकना और दक्षिण एशियाई राष्ट्र पर शासन करना है। इसके साथ ही वह कठोर इस्लामी कानून को लागू करना चाहता है।