सहारनपुर में बोले अखिलेश यादव- ‘खत्म होने वाले हैं योगी सरकार के दिन’
सहारनपुर | अखिलेश ने भी यूपी में सियासी शंखनाद कर दिया है | समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहारनपुर के तीतरो में आज रैली को संबोधित करने पहुंचे हैं। अखिलेश यादव की जनसभा के लिए कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखाई दे रहा है। कार्यकर्ता ढोल, बाजे की थाप पर नाचते हुए और नारेबाजी करते रैलीस्थल पर पहुंचे हैं। दोपहर दो बजे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का हैलीकॉप्टर हैलीपेड पर पहुंचा, जहां से वाया कार अखिलेश यादव पूर्व मंत्री स्व. चौधरी यशपाल सिंह की 100वीं जयंती पर उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे और फिर सीधा मंचस्थल पर पहुंच गए।
रैलीस्थल के मंच से जनता का अभिवादन करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तीतरो में हुई जनसभा में भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा कि त्योहारों के बाद योगी सरकार के दिन खत्म होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि धोखा देने वालों और झूठ बोलने वालों से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी योगी आदित्यनाथ सिर्फ नाम बदलने में विश्वास रखते हैं नाम बदलने के अलावा प्रदेश में कोई विकास कार्य नहीं कराया गया। केंद्र सरकार के खिलाफ उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट भेज दिए ट्रेन भेज दी बंदरगाह भेज दिए। इसके अलावा उन्होंने पश्चिमी यूपी के राजनीति की धुरी किसानों की नब्ज पर भी खूब हाथ रखा। कहा कि समाजवादी पार्टी किसान को साथ लेकर चलने वाली पार्टी है, लेकिन इनकी सरकार में किसान को गाड़ी से कुचला जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, भाकियू के संस्थापक चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत और पूर्व मंत्री चौधरी यशपाल सिंह का जिक्र कर भावनात्मक रूप से लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश भी करते नजर आए।
इसके अलावा लखीमपुर खीरी गोरखपुर और कानपुर की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा के राज में किसान कुचला जा रहा है, कानून को कुचलने की कोशिश की जा रही है और एक दिन ऐसा आएगा कि यह संविधान को भी कुचलने का काम भाजपा करेगी। अखिलेश यादव ने मंच से कहा कि मौजूदा सरकार सब कुछ बेचने की तैयारी में है। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तीतरो में जनसभा कर रहे हैं। यह जनसभा कई मायने में अहम मानी जा रही है, क्योंकि सपा की तरफ से विधानसभा चुनाव का आगाज भी होगा। जनसभा के माध्यम से सपा नेता सियासी समीकरण साधने के साथ ही कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन को लेकर किसानों को लामबंद करने का भी प्रयास करेंगे।