आखिरकार मान ही गए बॉलिवुड के फूफा जी
आमिर खान की फिल्म अवॉर्ड समारोहों से नाराजगी देखकर ऐसा लगता है कि जैसे किसी शादी में फूफा जी रूठ गये हों और उसके बाद किसी भी शादी में ना गये हों। फूफा जी को लाख मना लो, फूफा जी रसगुल्ला खा लो, नहीं। फूफा जी दही भल्ले खा लो, ना मैं ना खा रहा जाकर अपनी अम्मा को खिला दे, फूफा जी नहीं माने।
जनाब को १९९६ में रंगीला फिल्म के लिये बेस्ट ऐक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड नहीं मिला और उनके बदले यह अवॉर्ड शाहरुख खान को दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे फिल्म के लिये दे दिया गया। बस वो दिन है और आज का दिन, मजाल है जो किसी फिल्म समारोह में चले जायें। नाराजगी इतनी ज्यादा है कि राष्ट्रीय फिल्म समारोहों से भी कन्नी काट रखी है। उनकी नाराजगी की उम्र अब २१ साल है और चाहे तो वह मतदान भी कर सकती है। सुना है कि आमिर खान को उनकी फिल्म दंगल के लिये दीनानाथ मंगेशकर अवॉर्ड से नवाजा गया और उन्होंने इस सम्मान को बड़े ही विनम्रता से स्वीकार भी किया। जब मैंने यह सुना तो दिल को बड़ा सुकून मिला कि चलो कुछ भी हो, अंततः बॉलिवुड के फूफा जी मान गये। ऐसा नहीं है कि फूफाजी इस बीच किसी भी बारात में नहीं गये। वे २००२ में लगान फिल्म के लिये ऑस्कर समारोह में भाग लेने के लिये पूरे गाजे बाजे के साथ गये थे। अब देखने वाली बात यह होगी कि वे किसी एक शादी में आने के लिये माने हैं या किसी और शादी ब्याह में भी नजर आयेंगे।
Coutsey: -मुन्ना कुमार सिंह